मध्य प्रदेश: मध्य प्रदेश के मुखिया ने एक बड़ा फैसला लिया है. मुख्यमंत्री शिवराज ने विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस पर अधिमान्य पत्रकारों को फ्रंटलाइन वर्कर का दर्जा दिया है. वहीं दूसरी तरफ सोशल मीडिया पर गैर अधिमान्य पत्रकारों के लिए भी मांग भी उठी है. इस कोविड महामारी के दौरान भी पत्रकार पूरी मेहनत के साथ लगातार काम करते जा रहे हैं. फील्ड पर कई पत्रकार संक्रमित हुए और कई पत्रकारों की कोविड-की चपेट में आ जाने की वजह से मौत भी हो गई है.
सीएम ने कहा
सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि हमारे पत्रकार मित्र कोविड के खतरनाक काल में अपनी जान जोखिम में डालकर अपने कार्य का निर्वाह कर रहे हैं. मध्य प्रदेश में सभी अधिमान्यता प्राप्त पत्रकारों को हमने फ्रंटलाइन वर्कर घोषित करने का फैसला किया है.
वहीं सीएम शिवराज सिंह चौहान ने दमोह उपचुनाव में भाजपा को मिली हार पर कहा कि हालातों और समीकरण से दमोह में हारे. हमारा ध्यान कोरोना की रोकथाम में था.
सांसद का विवादित बयान
बता दें कि इस बीच इंदाैर सांसद शंकर लालवानी ने तेजी से फैल रहे कोरोना संक्रमण के लिए मीडियाकर्मी जिम्मेदार बताया था. एमवाय अस्पताल में दौरे के दौरान सांसद ने मीडियाकर्मियों को दूर करते हुए कहा कि तुम्हारे कारण ही कोरोना फैल रहा है. सांसद की इस टिप्पणी के बाद मीडियाकर्मियों में जमकर रोष है. वहीं, कांग्रेस ने भी सीएम से माफी मांगने को कहा है. दूसरी ओर सीएम ने मीडियाकर्मियों को फ्रंटलाइन वर्कर घोषित करने का फैसला किया है.
इंदौर में कोरोना के आंकड़े
1787 नए केस
8 की मौत
रविवार को 10491 टेस्ट में से 1787 नए संक्रमित मिले
8651 निगेटिव रहे
32 की रिपोर्ट रिपीट पॉजिटिव रही
जिले में अब 10819 मरीज एक्टिव हैं.