जबलपुर। कोरोना का खौफ है। संक्रमण की चपेट में बड़ी संख्या आ भी रही है, लेकिन जबलपुर में गेहूं खरीदी करने वाली महिला समितियों के हौसले की उड़ान जारी है। जिले में 80 खरीदी केंद्रों में 32 की जिम्मेदारी महिला समितियां संभाल रही हैं। इसका एक बड़ा बदलाव ये देखने को मिल रहा है, जहां खरीदी केंद्राें पर तौल कराने वाले किसानों को ढेरों शिकायतें रहती थीं, वहां अब एक भी शिकायत नहीं है।
जिले में गेहूं की खरीदी शुरू हुई तो कोरोना संक्रमण चारों ओर फैलने लगा था। 80 खरीदी केंद्रों में पहली बार 32 की कमान महिलाओं के हाथों में थी। संक्रमण के बीच महिला समितियों के डटे रहने पर संशय था, लेकिन महिलाओं ने अपने हौसले की उड़ान नहीं रोकी। अब तक जिले में 32 केंद्रों पर महिला समितियों ने किसानों से तीन हजार टन गेहूं की खरीदी कर ली है।
घटतौली से लेकर किसानों की सारी शिकायतें दूर
महिला समितियों वाले केंद्रों पर अब तक एक भी किसान को ये शिकायत करने का मौका नहीं मिला कि उसकी उपज की तौल सही तरीके से नहीं की गई। किसानों को तौल कराने के लिए लंबा इतजार भी नहीं करना पड़ता है। यहां तौल से लेकर माल ढुलाई तक सारा काम महिलाएं ही संचालित करती हैं। संक्रमण के चलते जिले में 25 मई तक गेहूं खरीदी की अनुमति दी गई है।
पूरी प्रक्रिया में पारदर्शिता के चलते महिला समूह सफल
गेहूं खरीदी कर रही महिला समितियों की पारदर्शी प्रक्रिया के चलते किसानों को एक भी शिकायत का मौका नहीं मिला। गेंहू खरीदने के लिए सबसे पहले किसानों के मोबाइल पर मैसेज भेजती हैं। इस मैसेज में तारीख दर्ज होता है। किसान का गेहूं तौल करने के बाद महिलाएं उसे सुरक्षित 50 किलो 200 ग्राम की बोरी में भरकर वेयर हाउस में रख देती हैं।
कोरोना गाइडलाइन का पालन
कोरोना महामारी के इस दौर में लोग जब बाहर निकल कर काम करने से डर रहे हैं। वहीं, महिलाएं कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए गेहूं खरीद रही हैं। यहां सोशल डिस्टेंसिंग के लिए गोले बनाए गए हैं। सैनिटाइजर रखा गया है। हर कोई मास्क का पहनता है। इस कारण एक भी खरीदी केंद्र में शामिल महिलाओं में एक भी संक्रमित नहीं हुई। किसानों को उनकी उपज का पूरा दाम बिना किसी कमीशन के मिल रहा है। महिला स्वयं सहायता समूह की निगरानी भी जिला स्तर के अधिकारी को सौंपी गई है।
कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए सोशल डिस्टेंसिंग भी।
आय का जरिया बना गेहूं खरीदी केंद्र
कोरोना संक्रमण के दौर में गांव मे चलने वाले महिलाओं के स्वयं सहायता समूह के काम लगभग बंद हो गए हैं। ऐसे में राज्य सरकार ने समूह चलाने वाली महिलाओं को गेहूं खरीदी के काम मे शामिल कर इन्हें आजीविका उपलब्ध करवाई है। जिला पंचायत सीईओ ऋजु बाफना के मुताबिक कोरोना के इस संक्रमण में महिलाओं को काम मिलना उनके स्वालंबन के लिए लाभदायक होगा। साथ ही उनकी आय बढ़ने से परिवार को भी लाभ मिलेगा।