ग्वालियर। ग्वालियर मेें एक युवक ने पिता की मौत के बाद उनके कोरोना पॉजिटिव होने की बात छिपाकर सामान्य तरीके से अंतिम संस्कार कर दिया। अंतिम संस्कार से पहले शवयात्रा निकाली गई और लक्ष्मीगंज मुक्तिधाम पहुंचे। इस शवयात्रा में 50 से ज्यादा लोग भी शामिल हुए। अब लोगों को संक्रमण कर डर सता रहा है।
जब प्रशासन को इसका पता लगा तो तत्काल एक्शन लिया गया। आरोपी बेटे पर अपने साथ आधा सैकड़ा लोगों की जिंदगी को संक्रमण के खतरे में डालने पर इंदरगंज थाना में FIR दर्ज की गई है। शव यात्रा में शामिल लोगों की सैंपलिंग के लिए लिस्ट मांगी है।
शहर के शिंदे की छावनी खल्लासीपुरा निवासी 60 वर्षीय तितुरिया कुशवाह 10 दिन पहले मामूली बुखार आने पर सैंपल दिया था। अगले दिन कोरोना पॉजिटिव आए थे। परिजन उनको अस्पताल की जगह घर पर ही आइसोलेट रखे हुए थे। उनके घर पर कोविड का पोस्टर भी चस्पा था। शुक्रवार सुबह तितुरिया कुशवाह की मौत हो गई। बेटे भरत कुशवाह ने कोरोना से उसके पिता के मौत की बात जिला प्रशासन और परिचितों से छिपाई।
उसने सामान्य तरीके से पिता का अंतिम संस्कार करने के लिए अपने परिचित और रिश्तेदारों को एकत्रित किया और पूरे रीति-रिवाज के साथ उन्हें लक्ष्मीगंज मुक्तिधाम लेकर पहुंचा। यहां सामान्य शव की तरह उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया। शवयात्रा में भी करीब आधा सैकड़ा से ज्यादा लोग शामिल रहे। यह बात किसी ने इंदरगंज थाना पुलिस और जिला प्रशासन के अफसरों को दी। इस पर इंसीडेंट कमांडर जोन-7 कृष्णाकांत कुशवाह ने तत्काल पूरे मामले को समझा और लोगों की जान को खतरे में डालने पर आरोपी भरत कुशवाह के खिलाफ इंदरगंज थाना में शिकायत की। पुलिस ने इंसीडेंट कमांडर की शिकायत पर आरोपी के खिलाफ आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है।
चाहता था पिता का संस्कार हिंदू रिति रिवाज से हो
तितुरिया कुशवाह के बेटे भरत कुशवाह का कहना है कि उनका मकसद किसी की जान को खतरे में डालना नहीं था। वो तो सिर्फ इतना चाहता था कि नगर निगम अज्ञातों की तरह जो अंतिम संस्कार करते हैं उसकी अपेक्षा अपने पिता का अंतिम संस्कार पूरे हिंदू रिति रिवाज से करे। इसलिए वह बिना बताए अंतिम संस्कार करने चला गया।
जो शवयात्रा में शामिल हुए उनकी सूची मांगी
अब प्रशासन आरोपी भरत कुशवाह से उनकी सूची मांग रहा है जो शव यात्रा में शामिल हुए थे, जिससे उन तक पहुंचकर उनकी सैंपलिंग की जा सके। इससे पता चल सके कि पिता के मोह में बेटे ने कहीं और लोगों को संक्रमण तो नहीं दे दिया है।
नहीं दी नगर निगम को सूचना
कोविड पेशेंट की मौत के बाद होना यह चाहिए कि मृतक के परिजन को सबसे पहले सूचना नगर निगम को देना चाहिए थे, लेकिन इस मामले में मृतक के बेटे ने ऐसा नहीं किया। बल्कि बात को छुपाया। रिश्तेदारों को भी कोविड पॉजिटिव होने और कोरोना से मौत की बात छुपाई। सभी को यह बताया गया कि बीमारी के चलते मौत हो गई है।