बिलासपुर: लगातार बढ़ते कोरोना संक्रमण ने लोगों को डर के साये में लाकर खड़ा कर दिया है. अस्पतालों में भी अव्यवस्थायों का नज़ारा दिख रहा है. बिलासपुर के निजी किम्स अस्पताल में कोविड मरीजों की देखभाल सहीं ढंग से नहीं होने के कारण लगातार मरीजों की मौत हो रही है. बिलासपुर कलेक्टर से लेकर तमाम स्वास्थ्य विभाग के गम्भीर शिकायतों के बाद भी किम्स अस्पताल मरीजों की मौत का मामला थमने का नाम नही ले रहा है. वहीं परिजनों का रोरो के बुरा हाल है. परिजन लगातार शिकायतें कर रहे हैं लेकिन कोई सुनने वाला नहीं.
आईसीयू वार्ड में लापरवाही
अपने माता पिता को खो देने के बाद कोरबा की नर्सिंग छात्रा श्रुति जायसवाल ने बताया था कि आईसीयू वार्ड में केवल मरीज़ को लेटा दिया जा रहा है. उनका ऑक्सीजन लेवल की जांच नहीं की जा रही है. यहां तड़प-तड़प कर मरीजों की मौत हो रही है.
इसी तरह चकरभाठा निवासी अजीत तिवारी जो कि सिक्युरिटी सर्विस का संचालक था. उसे उसकी पत्नी रानी तिवारी ने 17 अप्रैल को किम्स अस्पताल में दाखिल कराया था. जहां अजीत तिवारी ने दम तोड़ दिया है. परिजनों ने बताया कि अस्पताल में मरीजों की देखरेख नहीं की जा रही है केवल बेड में लिटा देने के बाद उन्हें तिल-तिल मरने के लिए छोड़ दिया जाता है.
उपचार व्यवस्था ठीक नहीं
अजीत तिवारी ने बताया कि उनके परिजनों को किम्स के डॉक्टरों ने कहा था कि एक दो दिन में उसकी छुट्टी हो जाएगी इस बीच अचानक से उन्हें मौत की सूचना अस्पताल प्रबंधन द्वारा दी गई. रोते बिलखते परिजनों ने आरोप लगाया है कि यहां उपचार व्यवस्था ठीक नहीं है पैसे जमा करा लेने के बाद मरीज़ को मरने के लिए छोड़ दिया जा रहा है.
लापरवाह डॉक्टर
वहीं मृतक के परिजन बताते हैं कि कोविड प्रभारी डॉक्टर फोन नहीं उठा रहा है और सीईओ शशिकांत चिंचोले मीटिंग में हूं कहकर जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ रहे हैं. डॉक्टर की ऐसी लापरवाही पर प्रशासन भी मौन धारण किये हुए. सवाल ये उठता है कि अगर हालत येही रहे तो कैसे बचेंगे मरीज़ और पीड़ितों को इंसाफ कौन देगा.लगातार हो रही मौतों की ज़िम्मेदारी कौन लेगा. क्योंकि यहां नुकसान सिर्फ आम जनता का ही हो रहा है और प्रशासन के दावों की पोल खुल रही है.