इंदौर। इंदौर में शुक्रवार को भीषण आगजनी में छह दुकानें जलकर राख हो गईं। आग नवलखा चौराहे पर स्थित रेस्टोरेंट, मेडिकल शॉप, चश्में की दुकान, शू शॉप और लाइब्रेरी में लगी थी। आग की चपेट में आने से दुकान के भीतर सो रहे रेस्टोरेंट के मालिक के भाई की जलने से मौत हो गई। काफी मशक्कत के बाद दमकल की टीम ने आग पर काबू पाया। प्रारंभिक जांच में आग शॉर्ट सर्किट से लगना बताया जा रहा है। आग के कारण लाखों रुपए के नुकसानी का अनुमान लगाया गया है।
दमकल ने मौके पर पहुंचकर आग पर काबू पाया।
फायर टीम आरसी पंडिल के अनुसार नवलखा चौराहे से खालसा बिल्डिंग में सुबह 8 बजे आग लगने की सूचना मिली थी। यहां पहुंचे तो प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि उन्होंने सुबह रेस्टाेरेंट में धुआं उठता देखा था। इसके बाद उन्होंने पुलिस और फायर टीम को सूचना दी। देखते ही देखते आग इतनी तेजी से फैली की उसने पास स्थित मेडिकल स्टोर, चश्में की दुकान, शू शॉप के साथ ही ऊपर स्थिति एक लाइब्रेरी सहित कुल छह दुकानों को चपेट में ले लिया। लगातार फैल रही आग के साथ ही पूरी बिल्डिंग में धुआं भी तेजी से भराने लगा। बिल्डिंग धुंआ और आग की लपटों से घिर चुकी थी, जो दूर से गुजर रहे लोगों को भी नजर आ रही थी।
बंशी हम्माली का काम किया करता था, रात में दुकान में सो जाया करता था।
सूचना के बाद भंवरकुआं और संयोगितागंज थाने की पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। दमकल की टीम ने करीब दो घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। जब तक आग पर काबू पाया जाता। दवा दुकान, चश्में की दुकान, रेस्टोरेंट, जूते-चप्पल और लाइब्रेरी राख हो चुकी थी। टीम जब आग बुझाकर भीतर दाखिल हुई तो वहां एक व्यक्ति अधजली हालत में मिला। उसकी मौत हो चुकी थी। लोगों ने पूछताछ की गई तो पता चला कि उसका नाम बंशी काका था और वह यहां हम्माली का काम करता था। काम निपटाने के बाद वह दुकान के भीतर सो जाया करता था। बता दें कि आग जहां लगी थी, उसके पीछे ही रहवासी क्षेत्र है। आग की लपटों को देख लोगों में डर का माहौल पैदा हो गया था।
हम्माल नहीं, रेस्टोरेंट मालिक के भाई की जलने से हुई मौत
पंडित के अनुसार जब हम आग बुझाने पहुंचे तो यहां तीन ऊपर और तीन नीचे की दुकानों में आग लगी थी। दुकानों पर लॉक लगा हुआ था। इस पर सब्बल की मदद से पहले ताले तोड़े गए और फिर आग बुझाना शुरू किया गया। जब हम करीब 80 फीसदी आग पर काबू पा चुके थे तो लाेगों ने बताया कि एक व्यक्ति भीतर है हमारा। इस पर हम रेस्टोरेंट में आग बुझाने लगे तो वहां पर एक व्यक्ति की लाश मिली। शुरू में लाेगों ने उसे हम्माल बताया, लेकिन बात में उसकी पहचान हरवंश के रूप में हुई और पता चला कि वे रेस्टारेंट संचालक के भाई हैं और वे केयर टेकर के रूप में यहां काम देखते थे।
दुकान से धुआं उठता देखा दौड़कर आया
प्रत्यक्षदर्शी के अनुसार आग सुबह साढ़े 7 बजे के करीब लगी थी। मैं चौराहे के पास खड़ा था, उसी दौरान एक दुकान से धुआं निकलता दिखा। इसके बाद मैं दौड़कर आया और पड़ोसियों को जगाया। इसके बाद पुलिस और फायर टीम को सूचना दी। जब तक फायर टीम ने आग पर काबू पाया। रात में यहां सोने वाले एक बुजुर्ग जल चुके थे। आग ने मेडिकल, जूते-चप्पल और एक ऑफिस को पूरी तरह से चपेट में ले लिया है।