मध्यप्रदेश में 1 मई से वैक्सीनेशन का तीसरा चरण शुरू नहीं हो सकेगा। सीरम इंस्टीट्यूट ने सरकार से कहा है, 3 मई तक 2 से ढाई लाख डोज उपलब्ध कराने की कोशिश की जाएगी। ऐसे में सरकार की तैयारी है कि यदि ढाई लाख डोज मिल जाते हैं, तो 5 मई से 18+ वालों के टीकाकरण का अभियान शुरू किया जा सकता है। सरकार ने सीरम को 45 लाख डोज सप्लाई करने का ऑर्डर दिया है। सरकार ने भारत बायोटेक से भी वैक्सीन सप्लाई के लिए बात की थी, लेकिन वहां भी फिलहाल सार्थक जवाब नहीं मिला है। इधर, पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि न इलाज, न बेड हैं। न इंजेक्शन दिया न ऑक्सीजन। अब जीवन बचाने में मददगार वैक्सीन भी नहीं है। जनता भगवान भरोसे है, यह कैसे अच्छे दिन हैं?
मंत्रालय सूत्रों ने बताया, मध्य प्रदेश में गुुरुवार तक 1 मई को वैक्सीन लगवाने के लिए 18 से 45 साल तक के 19 हजार लोगों ने रजिस्ट्रेशन करा लिया था, लेकिन सरकार को देर शाम सीरम इंस्टीट्यूट ने सूचना दी कि 5 दिन से पहले वैक्सीन उपलब्ध नहीं करा पाएंगे। इसके बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने केंद्र सरकार के अफसरों से बात की। इसके बाद तय किया गया कि 1 मई से वैक्सीनेशन का तीसरे चरण की शुरुआत नहीं हो पाएगी। सरकार ने अब 5 मई से अभियान की शुरुआत करने का निर्णय लिया है, लेकिन वह भी तब, जब 3 मई तक ढाई लाख डोज की पहली खेप प्रदेश को मिल जाए।
सूत्रों ने बताया कि शिवराज सरकार को एक झटका और लगा है। केंद्र सरकार ने राज्य सरकार को हेल्थ वर्कर्स, फ्रंट लाइन वर्कर्स और 45 साल से ज्यादा के लोगों के लिए उपलब्ध वैक्सीन का उपयोग 18 से 45 साल तक के लोगों के लिए इस्तेमाल की मंजूरी नहीं दी है। दरअसल, राज्य सरकार ने स्वास्थ्य मंत्रालय को पत्र लिखकर यह अनुमति मांगी थी।
18+ के लोगों को राज्य अपने कोटे से वैक्सीन लगाएं
मंत्रालय सूत्रों का कहना है कि स्वास्थ्य मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव मनोहर अगनानी ने राज्य सरकार को पत्र भेजा है। इसमें कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में 23 अप्रैल को हुई बैठक में वैक्सीनेशन को लेकर जो निर्णय हुआ था, राज्य सरकार को उसके अनुसार ही रोडमैप बनाना होगा। पत्र में कहा गया है कि केंद्र सररकार केवल हेल्थ व फ्रंट लाइन वर्कर्स और 45 साल से ज्यादा उम्र वाले शेष लोगों के लिए वैक्सीन उपलब्ध कराएगा।
केंद्र से मिलेंगे 2 लाख डोज
केंद्र सरकार ने मध्यप्रदेश को 2 लाख डोज की सप्लाई करने का आश्वासन दिया है, लेकिन यह डोज 18+ के लोगों को नहीं लगाए जाएंगे। इसके लिए राज्य सरकार को सीधे फार्मा कंपनी से वैक्सीन खरीदना होगी। बता दें कि मप्र के पास स्टॉक में 4 लाख डोज हैं।
50% में राज्य के साथ निजी अस्पताल भी शामिल
केंद्र सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि वैक्सीन की 50% सप्लाई केंद्र को होगी, जबकि 50% की सप्लाई राज्य सरकार और निजी अस्पतालों को कंपनियां करेंगी। यही वजह है कि शिवराज सरकार ने 1 मई से शुरू होने वाले वैक्सीनेशन के तीसरे चरण को 5 मई तक टाल दिया है।
शिवराज बोले, 45+ वालों को वैक्सीनेशन जारी रहेगा
उधर, CM ने कहा, धैर्य और संयम रखें, पैनिक होने की आवश्यकता नहीं है। प्रदेश में 45 साल से ज्यादा उम्र वाले नागरिकों को वैक्सीन लगाने का अभियान जारी है। वैक्सीन के यह डोसेज केंद्र सरकार द्वारा हमें निशुल्क उपलब्ध कराए जा रहे हैं। यह अभियान लगातार जारी रहेगा। 1 तारीख से पहले 18 साल से ऊपर के नौजवानों को वैक्सीन लगाने का अभियान प्रारंभ होना था। इसके लिए मध्यप्रदेश में कोवीशील्ड और कोवैक्सीन दोनों के लिए संबंधित कंपनियों को आर्डर जारी किए थे, लेकिन दोनों कंपनियों से संपर्क करने के बाद यह पता चला है कि 1 तारीख को वह हमें वैक्सीन के डोसेज दे नहीं पाएंगे। इसलिए 1 मई से वैक्सीनेशन का यह कार्यक्रम मध्यप्रदेश में प्रारंभ नहीं किया जा सकेगा। लेकिन जैसे-जैसे उत्पादन होगा और हमें वैक्सीन के डोसेज मिलेंगे, वैसे वैसे हम 18 साल से ऊपर के हमारे जो नौजवान हैं उनको नि:शुल्क वैक्सीन लगाने का अभियान चलाएंगे। सभी नौजवानों को नि:शुल्क वैक्सीन लगाई जाएगी। संभावना है कि 3 तारीख के आसपास हमें वैक्सीन प्राप्त होगी, उस हिसाब से हम वैक्सीनेशन का कार्यक्रम फाइनल करके अंतिम रूप देंगे।