जयपुर. कोरोना पर काबू करने के मामले में भीलवाड़ा देश में रोल मॉडल बन गया है। यहां के प्रशासन ने 20 मार्च को पहला पॉजिटिव केस मिलने के बाद जो प्लान बनाया, उसकी केंद्र ने भी तारीफ की। रविवार को हुई वीडियाे कांफ्रेसिंग में केंद्र सरकार के कैबिनेट सचिव राजीव गाबा ने कहा कि अब कोरोना देश के 223 जिलों में फैल चुका है। इसलिए सभी को भीलवाड़ा से सीखना चाहिए कि इसे कैसे काबू किया जाता है।
कैबिनेट सचिव ने भीलवाड़ा में हुए काम को आइडियल बताया। उन्होंने वीसी में मौजूद सभी प्रदेशाें के मुख्य सचिवाें को भीलवाड़ा से सीखने की बात कही। बता दें कि भीलवाड़ा देश में ऐसा पहला शहर है जहां 14 दिन से कर्फ्यू के बावजूद और सख्ती करने के लिए 3 से 13 अप्रैल तक महाकर्फ्यू लगाया गया। महाकर्फ्यू शब्द का ईजाद भीलवाड़ा से ही हुआ। जानिए, क्या है भीलवाड़ा का पूरा रोडमैप...
1. कलेक्टर राजेंद्र भट्ट ने राज्य सरकार के किसी सरकारी आदेश का इंतजार किए बगैर ही जिले की सभी को 20 चेकपोस्ट बनाकर सील कर दिया। राशन सामग्री की सप्लाई सरकारी स्तर पर करने व जिले के हर व्यक्ति की स्क्रीनिंग का फैसला किया।
2.संक्रमण बांगड़ हाॅस्पिटल से फैला इसलिए सबसे पहले यह पता किया यहां कहां-कहां के मरीज आए। सूची निकलवाई ताे पता चला कि 4 राज्यों के 36 और राजस्थान के 15 जिलाें के 498 मरीज थे। इन सभी जिलाें के कलेक्टर काे एक-एक मरीज की सूचना
3.छह पाॅजिटिव केस मिलते ही भीलवाड़ा में कर्फ्यू लगा दिया ताकि लोग घरों में रहें। बांगड़ अस्पताल में आने वाले मरीजों की स्क्रीनिंग शुरू की। जिले में आने वाले सभी 20 रास्ताें पर चेक पाेस्ट बनाकर सीमाएं सील कर दीं ताकि काेई बाहर न जा सके।
4. छह हजार टीमें बना 25 लाख लोगों की स्क्रीनिंग शुरू करा दी। करीब 18 हजार लोग सर्दी-जुखाम से पीड़ित मिले। 1215 लाेगाें काे हाेम आइसाेलेट कर वहां कर्मचारी तैनात किए। करीब एक हजार संदिग्धों काे 20 हाेटलों में क्वारेंटाइन किया।
5. नगर परिषद काे शहर के 55 ही वार्डाें में दाे-दाे बार हाईपाे क्लाराेड 1 प्रतिशत के छिड़काव की जिम्मेदारी दी। ताकि संक्रमण फैल न सके।
6.लाेगाें काे परेशानी नहीं हाे इसलिए सहकारी उपभाेक्ता भंडार से खाद्य सामग्री की सप्लाई शुरू कर दी। राेडवेज बस बंद करवा दी। दूध सप्लाई के लिए डेयरी काे सुबह-सुबह दाे घंटे खाेला गया। हर वार्ड में हाेम डिलीवरी के लिए दाे-तीन किराना की दुकानाें काे लाइसेंस दिए। कृषि मंडी काे शहर में हर वार्ड के अनुसार सब्जियां और फल सप्लाई के लिए लगाया और यूआईटी काे कच्ची बस्तियाें में सूखी खाद्य सामग्री सप्लाई की जिम्मेदारी दी।
नतीजा ये कि 27 में 15 मरीज ठीक हाेकर घर जा चुके हैं, 7 पाॅजिटिव से निगेटिव हुए, अब 3 ही पाॅजिटिव बचे हैं
अभी तक भीलवाड़ा में 27 राेगी पाॅजिटिव मिले हैं। इनमें से 15 मरीज ठीक हाेकर घर जा चुके हैं। दाे की माैत हाे चुकी हैं। सात और पाॅजिटिव मरीजाें की रिपाेर्ट निगेटिव आने के बाद उनकाे स्टेप डाउन जनरल वार्ड में शिफ्ट किया जा चुका है। अब भीलवाड़ा में तीन पाॅजिटिव मरीज ही बचे हैं। इनकी भी तबीयत में सुधार है और डाॅक्टर्स का कहना है कि 14 दिन पूरे हाेने तक ये भी ठीक हाे जाएंगे। अब तक प्रदेश में सबसे ज्यादा 2708 सैंपल भीलवाड़ा में लिए गए हैं। पिछले दाे दिनाें से कोई नया पॉजिटिव नहीं मिला।
ये हैं हीरो; डाॅक्टर्स की हर 7 दिन में ड्यूटी बदली, 69 में एक भी पाॅजिटिव नहीं हुआ
इलाज करने वाले डाॅक्टर्स व मेडिकल स्टाफ के लिए हर 7-7 दिन का वर्कआउट प्लान बनाया गया। 7-7 दिन पूरे हाेने के बाद इनकाे भी 14-14 दिन क्वारेंटाइन किया। अब तक 69 के सैंपल लिए हैं, इनमें कोई पॉजिटिव नहीं मिला।
मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा- भीलवाड़ा का मॉडल हम हर जगह लागू कर रहे हैं
यह टीमवर्क है। हेल्थ, पुलिस और सामाजिक साझेदारी के जरिये हम राजस्थान में कोरोना को रोकने की कोशिश में जुटे हैं। भीलवाड़ा का मॉडल हम हर जगह लागू कर रहे हैं।
-अशोक गहलोत, सीएम