भिंड। भिंड के जिला अस्पताल में रात करीब 11.50 बजे थे। हर रोज की तरह कोविड वार्ड में मरीजों उपचार किया जा रहा था। अचानक हॉस्पिटल में ऑक्सीजन सिलेंडर खत्म होने की सूचना अटेंडरों को मिली। इस सूचना पर अटेंडरों में अफरा-तफरी का माहौल बन गया। अटेंडरों ने ड्यूटी पर तैनात स्टाफ से अभद्र व्यवहार शुरू कर दिया। वे सिलेंडर लूटने के लिए भी पहुंच गए। ड्यूटी पर तैनात स्टाफ कोविड वार्ड से बाहर निकल आया। यह सूचना जिला प्रशासन व पुलिस को लगी। पुलिस के जवान तत्काल हॉस्पिटल पहुंचे और आक्रोशित अटेंडरों को कंट्रोल किया। कलेक्टर, एसपी और सीएमएचओ ने स्थिति को संभाला। इसके बाद रात तीन बजे ऑक्सीजन खत्म होने से पहले एक गाड़ी मालनपुर से मंगाई गई।
अटेंडर राजेश सिंह ने कहा कि मैं, रात के समय अपने मरीज की सेवा के लिए आया था और हॉस्पिटल के कोविड वार्ड के बाहर घूम रहा था। तभी अचानक वार्ड के अंदर से शोरगुल सुनाई दिया। अंदर जाकर देखा तो मरीजों के अटेंडर, ड्यूटी पर तैनात स्टाफ से बहस कर रहे थे। सभी का कहना था कि ऑक्सीजन सिलेंडर खत्म हो गए। अब सिलेंडर नहीं है। ऐसे में कुछ लोगों ने सिलेंडर को भी अपने कब्जे में लेना चाहा।
अटेंडरों की नाराजगी देख ड्यूटी पर तैनात स्टाफ ने हाथ किए खड़े
अटेंडरों द्वारा बहस व अभद्रता किए जाने से ड्यूटी पर तैनात स्टाफ ने हाथ खड़े किए और वे वार्ड से बाहर आ गए। इस समय कोविड वार्ड में 120 से अधिक मरीज ऑक्सीजन पर थे। चिकित्सा स्टाफ ने हॉस्पिटल प्रबंधन को पूरे मामले की सूचना दी। हॉस्पिटल प्रबंधन ने जिला प्रशासन और पुलिस के अफसरों को सूचित किया। इसके कुछ ही मिनटों में मौके पर पुलिस आ गई। रात करीब पौने बारह बजे कलेक्टर डॉ सतीश कुमार एस, पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार सिंह और सीएमएचओ डाॅ. अजीत मिश्रा भी आ गए।
हॉस्पिटल के कोविड वार्ड में ऑक्सीजन खत्म होने की सूचना पर रात को पहुंचे कलेक्टर, एसपी, सीएमएचओ सहित अन्य अधिकारी गण।
प्रशासनिक अफसरों ने संभाली व्यवस्था
मौके पर पहुंचे कलेक्टर, एसपी व सीएमएचओ ने ऑक्सीजन सिलेंडर व्यवस्था की जानकारी ली। तभी कर्मचारी मनोज ने बताया कि जिन सिलेंडरों से ऑक्सीजन सप्लाई दी जा रही है, वे खत्म हो गए। स्टोर में तीन सिलेंडर ही हैं। यह सिलेंडर सभी मरीजों को रात तीन बजे तक ही ऑक्सीजन दे सकते हैं। इसके बाद ऑक्सीजन नहीं है। प्रशासनिक अफसरों ने मालनपुर स्थित सूर्या फैक्ट्री में फोन किया। यहां से सिलेंडर सप्लाई देने की बात हुई। इधर मरीजों के कोविड वार्ड में अटेंडर पहुंच चुके थे। एसपी मनोज कुमार सिंह का कहना है कि इन मरीजों के पास से अटेंडरों को भगाया। कुछ को समझाइश देकर भगाया तो कुछ को फटकार लगाकर ।
घड़ी की सुई और सिलेंडर की गाड़ी पर टिकी रही नजरें
रात करीब सवा बारह से साढ़े बारह बजे के बीच ड्राइवर 63 सिलेंडरों को लेकर मालनपुर की सूर्या फैक्ट्री से गाड़ी लेकर रवाना होने की सूचना प्रशासनिक अफसरों के पास थी। प्रशासनिक अफसर, समाजसेवी व पत्रकार अस्पताल परिसर में सिलेंडर आने के इंतजार में खड़े थे। वे हर मिनट में घड़ी की सुई और ऑक्सीजन की गाड़ी के आने के लिए सड़क पर टकटकी लगाए रहे। ऑक्सीजन सिलेंडर की गाड़ी पौने दो बजे से दो बजे रात तक आने थी। जैसे ही ढाई बजे ऑक्सीजन न आने से प्रशासनिक अफसरों की भी धड़कनें बढ़ने लगी। इधर सूर्या फैक्ट्री में फोन करके गाड़ी चालक का नंबर लेना चाहा। परंतु चालक के पास मोबाइल न होने की जानकारी मिली। तभी पुलिस को वायरलेस पर सूचना मिली कि बरोही के पास कोई हादसा होने से सड़क पर जाम है। इसी समय पुलिस सक्रिय हुई और जाम को खुलवाते हुए ऑक्सीजन की गाड़ी निकाली गई। इस तरह 3 बजने से दस मिनट पहले ऑक्सीजन सिलेंडर लेकर गाड़ी जिला अस्पताल में प्रवेश की। गाड़ी को देख सभी के चेहरे खिल उठे और ऑक्सीजन खत्म होने का संकट टला। इस तरह प्रशासनिक अफसरों की सतर्कता से जिंदगी जिंदाबाद रही...।
रात 12 बजे मरीजों को ऑक्सीजन सप्लाई के लिए लगाए गए तीन सिलेंडर।