इंदौर। यह खबर उन सभी लोगों के लिए है, जो कोरोना से लड़ रहे हैं। क्या आप सोच सकते हैं कि 60% लंग्स में इंफेक्शन हो चुका हो और कोई लक्षण नहीं हों। ऐसा हुआ इंदौर में विजय नगर थाना प्रभारी तहजीब काजी के साथ। उन्हें खुद पता ही नहीं चला कि ड्यूटी के दौरान वे कब इंफेक्टेड हो गए। वे सिर्फ ड्यूटी करते रहे। सीटी स्कैन करवाया तब पता चला। इसके बाद मजबूत इरादों और एक्सरसाइज के चलते न केवल खुद, बल्कि 87 वर्षीय मां को भी कोरोना से बाहर निकाल लाए। जानकर आश्चर्य होगा कि वे अस्पताल में हाथों में निडिल लगी रहने के बावजूद एक्सरसाइज करते रहे।
संक्रमित कचरा वाहन और ऑटो के एक्सीडेंट के बाद हुए थे संक्रमित।
ऐसे संक्रमित हुए
घटना विजय नगर इलाके की है। यहां कोरोना के वेस्ट को ले जा रही गाड़ी और ऑटो भिड़ गए। सूचना के बाद थाना प्रभारी तहजीब काजी फोर्स के साथ पहुंचे। इसके दो से 3 दिन बाद थाने में कुछ जवानों को सर्दी खांसी के लक्षण दिखने लगे। देखते ही देखते 10 पुलिसकर्मी चपेट में आ गए। पुलिसकर्मी को अस्पतालों में भर्ती कराया गया। एक दिन थाना प्रभारी स्टाफ का हालचाल पूछने डॉक्टरों के पास गए, तो डॉक्टर ने तहजीब काजी को भी सीटी स्कैन करवाने की सलाह दी। रिपोर्ट आई, तो सभी आश्चर्यचकित रह गए। फेफड़ों में 60% इन्फेक्शन दिखा। डॉ. डॉक्टर हैरान थे कि इतना इन्फेक्शन होने के बाद भी कोई भी लक्षण काजी में नहीं थे। उन्हें फौरन भर्ती किया गया।
नीडिल लगी थी लेकिन नहीं छोड़ी एक्सरसाइज
अस्पताल के कमरे में भी करते रहे एक्सरसाइज
रोजाना इंजेक्शन लगने के बाद भी थाना प्रभारी अस्पताल के कमरे एक्सरसाइज करते रहते। उनका कहना था कि पॉवर योगा और रोजाना एक्सरसाइज करते रहने से वही नहीं, बल्कि स्टाफ में सभी जल्दी ठीक हो गए। 10 लोगों में से 9 लोगों ने ड्यूटी ज्वाइन कर ली है।
अस्पताल में थी बिस्तर की कमी
शहर के अस्पतालों में बिस्तरों की कमी थी। ऐसे में पुलिसकर्मियों के परिवार को भी बड़ी मुश्किल से जगह मिल पा रही थी। इसी बीच तहजीब काजी की 87 वर्षीय बुजुर्ग मां भी संक्रमित हो गईं। उन्हाेंने अपनी मां को भी अपने ही कमरे में भर्ती करवा लिया। बुजुर्ग मां अपने बेटे को रोजाना एक्सरसाइज करता देख खुद भी मोटिवेट हुईं। उन्होंने भी बीमारी को हरा दिया।