30 करोड़ रुपए सालाना कमाई वाले बाणसागर डेम में 1500 मछुआरों की आवश्यकता, कमी के चलते नहीं हो पा रहा मछली पकड़ने का काम

Posted By: Himmat Jaithwar
4/27/2021

शहडोल। कोरोना के लगातार बढ़ते संक्रमण से दुनियाभर में लोग ही परेशान नहीं हैं, बल्कि इससे जरूरी उत्पादन पर भी असर पड़ा है। देश के प्रमुख डेम में से एक मध्यप्रदेश के शहडोल जिले में स्थित बाणसागर डेम में कोरोना संकट के बाद मछली उत्पादन पर असर पड़ा है। डेम में मछुआरों की कमी के कारण मत्स्य आखेट नहीं हो पा रहा है। बाणसागर डेम से मछली उत्पादन के बाद राज्य सरकार को सालाना तीस करोड़ रुपए से ज्यादा की आमदनी होती है। यहां की मछली कोलकाता, सिलीगुड़ी व गुवाहाटी तक भेजी जाती है। मत्स्य महासंघ के अधिकारियों के अनुसार इस बार 15 सौ मत्स्य आखेट करने वाले मछुआरों की जरूरत है। कोरोना संक्रमण के कारण कमी बनी हुई है। कोविड-19 संक्रमण के बाद उत्पन्न स्थितियों का जायजा लेने कमिश्नर राजीव शर्मा बीते दिनों बाणसागर डेम पहुंचे। अधिकारियों से डेम की पानी भराव क्षमता एवं विद्युत उत्पादन इकाई के संबंध में विस्तार से चर्चा की। जल संसाधन विभाग के अधिकारियों ने कमिश्नर को बताया कि बाणसागर डेम हर साल पूरा भरता है तथा वर्तमान में 2 लाख 93 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में किसानों को सिंचाई की सुविधा मुहैया कराई जा रही है। बाणसागर डेम की नहरें बन गई हैं, मझगांव लिफ्ट तथा त्योंथर केनाल लगभग बनकर तैयार है। यहां 60 मेगावाट का पॉवर प्लांट स्थापित है।



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