इंदौर। सुपर स्पेशियलिटी सेंटर प्रबंधन में एक बार फिर गंभीर लापरवाही सामने आई है। जब एक बेटा तय समय पर अपने पिता को डिस्चार्ज कराने पहुंचा तो जिम्मेदार ने कहा एक दिन पहले ही छुट्टी कर दी, लेकिन पिता घर नहीं पहुंचे। परिजन के ढूंढने पर उन्हें सड़क किनारे मृत अवस्था में मिले। बुजुर्ग 20 घंटे तक अस्पताल के बाहर पड़े थे। लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया। परिजन ने नाराजगी जताई तो जिम्मेदारों ने पुलिस बुलाने की धमकी दी।
सुपर स्पेशियलिटी सेंटर में 14 अप्रैल को सिलिकॉन सिटी निवासी 65 वर्षीय गोविंद रोरेले को कोरोना पॉजिटिव होने पर भर्ती किया गया था।करीब 10 दिन चले इलाज के दौरान उनकी स्थिति में सुधार हो गया था। अस्पताल प्रबंधन ने उनके बेटे अजय को पिता की रविवार को डिस्चार्ज करने की जानकारी दी।
रविवार दोपहर को तय समय पर अजय अपने अन्य रिश्तेदारों के साथ अस्पताल पहुंचा। जब पिता की जानकारी ली तो पता चला कि एक दिन पहले यानी शनिवार को ही उनको डिस्चार्ज कर दिया। इस पर अजय सहित अन्य परिजन भड़क गए। उन्होंने कहा कि रविवार को डिस्चार्ज करना था तो शनिवार को क्यों किया और यदि किया भी तो इसकी जानकारी फोन पर क्यों नहीं दी।
सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में हंगामा
अजय ने बताया कि अस्पताल के रिकार्ड में परिजनों के फोन नंबर सहित तमाम जानकारी थी। 10 दिनों तक इलाज के दौरान कई बार फोन पर बात भी की। पिता के नहीं मिलने पर परिजन ने नाराजगी व्यक्त की तो जिम्मेदारों ने पुलिस बुलाने की बात कही।
एक दिन पहले क्यों की छुट्टी अजय ने बताया कि डिस्चार्ज करने के एक दिन पहले मिलने आए तो हर दिन की जानकारी देने वाले डॉक्टरों ने कहा था कि रविवार को डिस्चार्ज किया जाएगा। यदि पहले ही सब तय कर दिया था तो एक दिन पहले डिस्चार्ज क्यों कर दिया। यदि करना ही था तो किसी को फोन पर जानकारी क्यों नहीं दी गई। रजिस्टर में भी कोई जानकारी नहीं है।
डॉ. डीके शर्मा, सहायक अधीक्षक, सुपर स्पेशिएलिटी अस्पताल का कहना था कि परिजनों का आरोप गलत है। उन्हें डिस्चार्ज करने की सूचना पहले ही दे दी गई थी। वे नहीं पहुंचे। शनिवार से बुजुर्ग पुलिस के टेंट के नीचे बैठे थे।