छतरपुर जिला अस्पताल में ऑक्सीजन सप्लाई रुकने से कोरोना के 4 मरीजों की मौत; 24 घंटे में इंदौर में सबसे ज्यादा 1826 नए संक्रमित मिले

Posted By: Himmat Jaithwar
4/25/2021

मध्यप्रदेश में तमाम कोशिशों के बाद भी ऑक्सीजन पूरी नहीं मिल पा रही है। बड़े शहरों के साथ अब छोटे शहरों में भी ऑक्सीजन की कमी से मौतें होने लगी हैं। छतरपुर जिला अस्पताल में 5 घंटे तक ऑक्सीजन सप्लाई बंद रहने से कोरोना के 4 मरीजों की मौत हो गई। वहीं मुरैना जिला अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी से संक्रमित महिला ने अपनी मां की गोद में ही दम तोड़ दिया। इससे पहले शुक्रवार को ग्वालियर के 7 अस्पतालों में ऑक्सीजन खत्म होने से 10 कोरोना संक्रमितों की मौत हो गई थी।

प्रदेश के 4 बड़े शहरों में 24 घंटे में 5,704 नए केस आए हैं, जबकि 31 मौतें हुई हैं। इस दौरान इंदौर में सबसे ज्यादा 1,826 नए संक्रमित सामने आए और 7 लोगों ने जान गंवाई। सरकारी रिकॉर्ड में सबसे ज्यादा 12 मौतें ग्वालियर में दर्ज की गई हैं। यहां 1,220 नए संक्रमित मिले हैं। भोपाल में 1,802 नए मामले सामने आए हैं और 5 मौतें हुई हैं। जबलपुर में 856 नए संक्रमित मिले हैं जबकि 7 मरीजों ने दम तोड़ दिया। राहत की बात ये है कि ग्वालियर और जबलपुर में जितने नए संक्रमित मिले, उससे ज्यादा ठीक भी हुए हैं।

मुरैना जिला अस्पताल में ऑक्सीजन न होने की बात कहकर कोरोना संक्रमित को भर्ती नहीं किया गया। परिजन ऑक्सीजन सिलेंडर ले आए, लेकिन मरीज एंबुलेंस में ही पूरी रात पड़ा रहा।
मुरैना जिला अस्पताल में ऑक्सीजन न होने की बात कहकर कोरोना संक्रमित को भर्ती नहीं किया गया। परिजन ऑक्सीजन सिलेंडर ले आए, लेकिन मरीज एंबुलेंस में ही पूरी रात पड़ा रहा।

भोपाल: 100 टन से ज्यादा ऑक्सीजन चाहिए, मिल रही 80 टन
राजधानी भोपाल में सांसों का संघर्ष जारी है। लगभग सभी अस्पतालों में पिछले 72 घंटे से ऑक्सीजन की कमी बनी हुई है। शहर के 104 कोविड अस्पतालों में आईसीयू और ऑक्सीजन सपोर्ट पर करीब 4,771 मरीज हैं। ऐसे में शहर को रोजाना 100 टन ऑक्सीजन की जरूरत है, लेकिन मिल रही है सिर्फ 80 टन। बीते 24 घंटे में सरकारी रिकॉर्ड में तो 5 मौतें दर्ज की गई हैं, लेकिन भदभदा विश्रामघाट पर शनिवार को 100 संक्रमितों के शव लाए गए थे। इसमें से अकेले भोपाल के ही 66 शव थे।

इंदौर: गंभीर मरीजों को भी बेड नहीं मिल रहे
यहां एक्टिव केस 12,484 हो गए हैं। इसकी वजह से कोरोना संक्रमितों को बेड नहीं मिल रहे। राधा स्वामी सत्संग ब्यास (मां अहिल्या कोविड केयर सेंटर) में 600 बेड का कोविड केयर सेंटर बनने के बाद भी मरीजों को राहत नहीं मिल रही। मालवा मिल के पास शिवाजी नगर में रहने वाले 75 वर्षीय शंकर लाल सादरे ने बताया कि उन्हें सीटी स्कैन में 45% संक्रमण आया है। 5 दिन से घर पर ही इलाज करवा रहे हैं। शनिवार को सांस लेने में दिक्कत होने पर बेटी और पत्नी भर्ती कराने सुपर स्पेशिएलिटी, एमआरटीबी, अरबिंदो, सीएचएल, चोइथराम समेत दर्जनभर हॉस्पिटल में ले गए, लेकिन कहीं भी बेड नहीं मिला।

ग्वालियर: पहली बार 1000 से ज्यादा मरीज डिस्चार्ज हुए
ग्वालियर में सरकारी आंकड़ों के मुताबिक बीते 24 घंटे में 12 मौतें हुईं हैं, लेकिन 24 घंटे में 53 संक्रमित शवों का अंतिम संस्कार किया गया है। इनमें से 38 ग्वालियर और 15 अन्य जिलों के हैं। इनमें से अकेले लक्ष्मीगंज मुक्तिधाम में ही 41 कोरोना संक्रमित शवों का अंतिम संस्कार हुआ है। राहत की बात यह रही है कि 1,053 लोग ठीक भी हुए हैं। पहली बार ऐसा हुआ है जब एक हजार से ज्यादा संक्रमित एक दिन में डिस्चार्ज किए गए हैं। ग्वालियर में अब एक्टिव केस 9,042 हो गए हैं।

जबलपुर: नए संक्रमितों से ज्यादा मरीज ठीक हुए

जबलपुर में 42 दिन बाद ऐसा हुआ, जब नए संक्रमितों से ज्यादा लोग रिकवर हुए। शनिवार को 820 नए संक्रमित सामने आए थे। वहीं 856 लोग ठीक हुए हैं। इसका असर ये हुआ कि रिकवरी रेट में भी पहली बार मामूली सुधार हुआ है। रिकवरी रेट 24 अप्रैल को 80% हो गया।



Log In Your Account