भोपाल। कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच आरटीपीसीआर जांच में भी खामियां सामने आ रही है। सही तरीके से सैंपल न लेना और सैंपल को लैब तक पहुंचाने में लापरवाही की वजह से ऐसा होता है। सीटी स्कैन की रिपोर्ट में फेफड़ों में कोविड का इंफेक्शन होने का संदेह होने पर दोबारा आरटी पीसीआर जांच कराने पर इसका पता चलता है। यदि मरीज में कोरोना के लक्षण हैं, आरटीपीसीआर की रिपोर्ट निगेटिव आई है तो डॉक्टर्स को मरीज की दोबारा आरटीपीसीआर जांच कराना चाहिए। कई मामलों में सीटी स्कैन कराने पर मरीज के लंग्स में इंफेक्शन दिखाई दे रहा है। यह सबसे खतरनाक है।
आईसीएमआर की गाइडलाइन में भी आरटीपीसीआर की एक्यूरेसी बेस्ट कंडीशन में 70 से 90% से ज्यादा नहीं है। संक्रमित होने के 5वें दिन सीटी स्कैन कराने पर इंफेक्शन की सही स्थिति पता चलती है। इसके अलावा जो संक्रमित हुए और अस्पताल से छुट्टी मिल गई है, उनके लिए 8वें दिन से 12वें दिन का वक्त अहम होता है। कई बार शरीर में सूजन आती है। क्लॉट बनने लगते हैं, इसलिए कोविड संक्रमित हो चुके लोगों को इस दौरान दवाएं लेते हुए पूरी तरह आराम करना चाहिए।
रोज 1500 से ज्यादा सीटी स्कैन... एलबीएस सीटी स्कैन सेंटर के रेडियोलॉजिस्ट के मुताबिक भोपाल में रोजाना 1500 से ज्यादा सीटी स्कैन सरकारी और प्राइवेट सेंटर में हो रहे है। पहले कुछ लोग सीटी स्कैन कराने के पूर्व आरटी पीसीआर रिपोर्ट लेकर आते थे, लेकिन अब ऐसा नहीं हो रहा। ज्यादातर लोग बुखार आने के बाद सीधे एचआर सीटी कराने पहुंच रहे हैं।
सांस फूली तो कराई जांच, निकला इंफेक्शन
करोंद निवासी सुरेश अहिरवार को बुखार आया था। कोविड-19 की जांच रिपोर्ट निगेटिव आई। तबीयत में सुधार न होने पर एंटीबॉडी टेस्ट कराया तो उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई। फिर सीटी स्कैन कराने के लिए कोरोना निगेटिव की रिपोर्ट मांगी गई। दोबारा एंटीजन टेस्ट कराया, रिपोर्ट निगेटिव आई। अहिरवार की अचानक सांस फूलने लगी,आनन-फानन में उन्हें एक अस्पताल में भर्ती किया गया। यहां उनकी तबीयत में अब सुधार है। सीटी स्कैन की जांच में फेफड़ों में कोरोना का इंफेक्शन की बात सामने आई थी। उनका कोविड का इलाज एक निजी अस्पातल में चल रहा है।
लंग्स में 10 फीसदी से ज्यादा था इंफेक्शन
विश्वकर्मा नगर निवासी सुमित अवस्थी को बुखार आया था। एंटीजन व आरटीपीसीआर कराने पर उनकी चार दिन बाद रिपोर्ट निगेटिव आई। अवस्थी ने इसकी सूचना डॉक्टर्स को दी। जेपी में सीटी स्कैन कराया तो पता चला कि लंग्स में 10 फीसदी से ज्यादा इंफेक्शन है। अब उनका इलाज चल रहा है।