कोरोना अब गांव-कस्बों की ओर; भोपाल-इंदौर जैसे शहरों से सटे छोटे जिलों में 186 गुना तक बढ़े केस, 10 से कम केस वाला सिर्फ 1 जिला

Posted By: Himmat Jaithwar
4/24/2021

भोपाल। प्रदेश में पिछले एक माह में कोरोना के ट्रेंड चौंकाने वाले हैं। यहां पिछले एक माह में (22 मार्च से 22 अप्रैल) कोरोना के कंफर्म मरीजों की संख्या में छोटे जिलों की हिस्सेदारी करीब 34.64% से बढ़कर 53.55 फीसदी हो गई है। यानी करीब 19% अधिक। वहीं बड़े शहरों वाले जिलों इंदौर, भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर और उज्जैन की हिस्सेदारी प्रतिदिन के आधार पर 65.36% से घटकर 46.45% पर आ गई है। 22 मार्च को प्रदेश के 5 जिले अलीराजपुर, होशंगाबाद, निवाड़ी, शाजापुर और टीकमगढ़ में एक भी कंफर्म केस नहीं मिला। 10 से कम केस वाले जिलों की संख्या भी 30 थी, जबकि 22 अप्रैल को ऐसा एकमात्र जिला अनूपपुर रहा।

भास्कर एनालिसिस; मार्च से अप्रैल तक ऐसे बदल गया 5 बड़े शहरों का ट्रेंड।
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मौतें भी यहीं ज्यादा

2.2% सर्वाधिक मृत्युदर है प्रदेश के दमोह और खंडवा जिलों में। यहां स्वास्थ्य सुविधाएं चुनौती बनी हुई हैं।

90% सबसे अधिक रिकवरी रेश्यो वाला जिला नरसिंहपुर है। जबकि यह दर सबसे कम 57.1% टीकमगढ़ की है।

मुरैना-धार जिलों में तेजी से बढ़े केस
प्रदेश के बड़े शहरों से लगे छोटेे जिलों में कोरोना केस तेजी से बढ़े हैं। एक माह के अंतर में जहां इंदौर में पांच गुना केस बढ़े, वहीं इससे लगे धार जिले में यह 32.5 गुना बढ़ा (केस 6 से 195 पहुंचे)। वहीं भोपाल से लगे सीहोर (आठ से 198 केस) में यह 24.75 गुना बढ़ा। ग्वालियर से सटे मुरैना में इसकी रफ्तार (एक से 186 केस) 186 गुना रही। उज्जैन से लगे आगर मालवा (2 से 61) में यह 30 गुना रही।
बड़े शहरों में रिकवरी रेट भी गिरा
वहीं दूसरी ओर प्रदेश में मरीजों की रिकवरी रेट में भी गिरावट दर्ज की गई है। एक महीने में यह 95.69 फीसदी से घटकर 80.43 फीसदी पर आ गई है। प्रदेश के 5 बड़े शहरों की बात करें तो यहां केस में हिस्सेदारी तो घटी है लेकिन रिकवरी रेट भी तेजी से गिरा है। यह 22 मार्च को जहां 73% था वहीं 22 अप्रैल को यह 47% हो गया।



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