भोपाल। कलेक्टर श्री अविनाश लवानिया ने कोरोना संक्रमण आपदा में दिए गए आदेशों का पालन नहीं करने और सौंपे गए कार्य के प्रति उदासीनता दिखाने पर अनुसानात्मक कर्रवाई करते हुए 5 कर्मचारियों को निलंबित कर दिया है। इसके साथ ही सख्त निर्देश दिए है की शेष ऐसे सभी अधिकारी और कर्मचारी जो आदेश की अवज्ञा करते है उनके विरुद्ध भी कार्रवाई की जाएगी।
कलेक्टर श्री लवानिया को एसडीएम बैरागढ़ द्वारा कर्मचारियों की वास्तविक स्थिति से अवगत कराया था। जिस पर कठोर कार्रवाई करते हुए 5 कर्मचारियों को निलंबित कर दिया है। इनमे रमेश चन्द्र राजपूत, सहायक शिक्षक, शासकीय बालक उ.मा.वि. स्टेशन कार्य क्षेत्र भोपाल केयर हॉस्पिटल मोतिया तालाब रॉयल मार्केट, भोपाल, श्री राजेश पांडे सहायक ग्रेड 3 कार्यपालन यंत्री ग्रामीण यांत्रिकी सेवा मंडल, भोपाल की ड्यूटी " लहोटी हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर शाहपुरा, भोपाल केयर हॉस्पिटल, मोतिया तालाब , रॉयल मार्केट भोपाल, श्री आशीष आर्य सहायक ग्रेड 3, अधीक्षण यंत्री राजधानी परियोजना प्रशासन, भोपाल की ड्यूटी अटल मेमोरियल कैंसर केयर हॉस्पिटल अरेरा कॉलोनी, श्री पवन कुमार बंशीधर, सहायक ग्रेड 2, अधीक्षण यंत्री लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग, भोपाल की ड्यूटी एबीएम हॉस्पिटल कोहेफिजा, श्री जितेंद्र चौधरी, सहायक ग्रेड 3 अनुसंधान एवं विस्तार पूल वन विभाग भोपाल, मल्टी स्पेशलिस्ट इंद्र विहार कॉलोनी एयरपोर्ट रोड में, मरीजों की मॉनीटरिंग, बेडों की उपलब्धता, ऑक्सीजन की आपूर्ति, रेमडिसीवर इंजेक्शन एवं मरीजों को भर्ती कराना, डिस्चार्ज कराना आदि व्यवस्था सुनिश्चित करने हेतु लगाई गई थी।
अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) अनुभाग संत हिरदाराम नगर के पत्र द्वारा अवगत कराया गया है कि ये सभी लोग आदेशित ड्यूटी स्थल पर अनुपस्थित पाए गए है। साथ ही दूरभाष पर भी संपर्क नही हो पा रहा है, जबकि कोविड-19 महामारी के संक्रमण को रोकने के लिए की जाने वाली कार्यवाही के प्रभावी क्रियान्वयन द्वारा जिला स्तर के विभिन्न कार्यालयों के अधिकारी, कर्मचारियों के अवकाश को प्रतिबंधित करते हुए समस्त अवकाश निरस्त किये गए है।
उक्त कृत्य अपने पदीय कर्तव्यों के निर्वहन में लापरवाही एवं उदासीनता को दर्शाता है। म.प्र. सिविल सेवा वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील नियम 1966 के नियम 09 (1) के तहत तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।
निलंबन अवधि में इनका मुख्यालय जिला कलेक्टर कार्यालय, भोपाल नियत किया जाता है । निलंबन अवधि में इन्हें नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ता प्राप्त करने की पात्रता होगी।