रतलाम । कोरोना महामारी के बढ़ते प्रकोप एवं ऑक्सीजन की समस्या को दुर करने के लिए चेतन्य काश्यप फाउण्डेशन मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन कंसंट्रेटर प्लांट स्थापित करेगा। 1.02 करोड़ रूपए की लागत वाले इस प्लांट की क्षमता 57 मीटर क्युब होगी। संभागायुक्त संदीप यादव ने फाउण्डेशन को प्लांट स्थापना की अनुमति तत्काल दे दी। कलेक्टर गोपालचंद डाड ने संभागायुक्त की अनुमति वाला पत्र फाउण्डेशन अध्यक्ष एवं विधायक चेतन्य काश्यप को सौंपा। इस दौरान एसपी गौरव तिवारी एवं मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. जितेन्द्र गुप्ता उपस्थित रहे।
फाउण्डेशन अध्यक्ष एवं विधायक चेतन्य काश्यप ने बताया कि रतलाम मेडिकल कालेज में वर्तमान में टेंकर द्वारा लिक्वीड ऑक्सीजन की आपूर्ति की जा रही है। जिसकी अनिश्चितता से हमेशा तनाव बना रहता है। देश में कई प्रमुख मेडिकल कॉलेजों में पीएसए टेक्नोलॉजी के ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट लगाए गए है। यह प्लांट सीधी हवा से ऑक्सीजन स्थानीय स्तर पर ही उत्पादित करता है। जिसके कारण सप्लाय की अनिश्चितता खत्म होती है। रतलाम मेडिकल कॉलेज में ऐसा कोई प्रावधान नहीं था, इसलिए उन्होंने संभागायुक्त को चेतन्य काश्यप फाउण्डेशन से रतलाम मेडिकल कॉलेज में 57 मीटर क्युब का ट्राइडेंट कंपनी का पीएसए ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट स्थापित करने का प्रस्ताव दिया था। प्लांट की लागत 88.50 लाख एवं जनरेटर व अन्य प्लेटफार्म व शेड सहित कुल लागत 1.02 करोड़ रूपए रहेगी।
श्री काश्यप ने बताया कि पीएसए तकनीक पर आधारित ट्राइडेंट कंपनी के इस ऑटोमेटिक प्लांट की डिलीवरी 2 से 3 सप्ताह में प्राप्त हो जाएगी। कंपनी द्वारा छत्तीसगढ़ के 5 जिला अस्पतालों सहित देश-विदेश के कई मेडिकल कॉलेजों में प्लांट स्थापित किए जा चुके है। श्री काश्यप के अनुसार भारत सरकार द्वारा जिला चिकित्सालय में 20 बिस्तर का कोविड आईसीयु बनाया गया है, उसमें भी 30 मीटर क्युब प्रति घण्टे का पीएसए ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट लगाया जा रहा है। चेतन्य काश्यप फाउण्डेशन द्वारा प्लांट स्थापित किए जाने पर इस महामारी के समय में अतिरिक्त ऑक्सीजन की उपलब्धता होगी और आईसीयु के समस्त 140 मरीजों को निर्बाध ऑक्सीजन मिल जाएगी। महामारी के पश्चात सामान्य समय में भी यह प्लांट निरंतर उपयोग में आएगा। उन्होंने संभागायुक्त से वर्तमान में परिस्थितियों को देखते हुए प्लांट स्थापना की अनुमति शीघ्र देने का आग्रह किया था, जिस पर संभागायुक्त ने तत्काल कार्यवाही करते हुए फाउण्डेशन के व्यय पर उक्त प्लांट स्थापित करने की अनुमति दे दी है। यह प्लांट मेडिकल कॉलेज की संपत्ति होगा।