संक्रमण दर 25% से ज्यादा; पहली लहर की पीक में अधिकतम 21 सिंतबर को 14.3% दर थी, 50% से ज्यादा ठीक भी हुए

Posted By: Himmat Jaithwar
4/20/2021

भोपाल। मध्य प्रदेश में लगतार दूसरे दिन 12,897 से ज्यादा संक्रमित मिले हैं। सरकारी रिकाॅर्ड में एक दिन में 79 मौतें होना बताया गया है, जबकि श्मशान में कोरोना प्रोटोकॉल से अंतिम संस्कार किए गए शवों का आंकड़ा इससे ज्यादा है। प्रदेश में संक्रमण फैलने का रिकाॅर्ड टूट रहा है। पिछले 24 घंटे में 50,942 नमूनों की जांच की गई। वहीं संक्रमण दर 25.3% दर्ज की गई। यानी जांच में हर चौथा व्यक्ति संक्रमित मिल रहा है, जबकि कोरोना की पहली लहर की पीक सितंबर 2020 में आई थी। तब संक्रमण दर सबसे ज्यादा 21 सितंबर को 14.3% दर्ज की गई थी। पिछले 24 घंटों में 6836 लोग यानि 50% से ज्यादा लोग ठीक भी हुए हैं।

देश से तुलना करें, तो मध्य प्रदेश में करोना की रफ्तार का साप्ताहिक औसत 7% से भी ज्यादा है। दूसरी लहर के दौरान देश में मिल रहे संक्रमितों के संख्या को देखें, तो मध्य प्रदेश में संक्रमण दर ज्यादा है। अप्रैल के पहले सप्ताह में यह 1.5% ज्यादा थी, जो पिछले सप्ताह में बढ़कर 7.5% हो गई है, जबकि एक दिन में ही संक्रमण दर 1% से ज्यादा बढ़ गई।

कोरोना की पहली लहर की पीक में सितंबर माह में प्रदेश में सबसे ज्यादा संक्रमित इंदौर, भोपाल और ग्वालियर में 300 से 400 के बीच मिले थे, लेकिन दूसरी लहर में अनूपपुर, कटनी व रीवा में 350 से ज्यादा संक्रमित मिलना शुरू हो गए। इंदौर, भोपाल व ग्वालियर में अब 1000 से 1800 के बीच केस मिल रहे हैं। यानी कोरोना की रफ्तार अब कई गुना तेज हो गई है।

छोटे शहरों में भी बढ़ने लगा मौतों का आंकड़ा
अभी तक भोपाल, इंदौर, जबलपुर और ग्वालियर में कोरोना मरीजों की मौतें के आंकड़े ज्यादा आ रहे थे, लेकिन अब छोटे शहरों में इस जंग को हारने वालों की संख्या बढ़ती जा रहा है। सरकारी रिपोर्ट के अनुसार पिछले 24 घंटे में नीमच व शहडोल में 5-5, रतलाम में 4, सीधी व टीकमगढ़ में 3-3 मौतें हुईं। प्रदेश में कोरोना से मरने वालों की कुल संख्या 4713 पहुंच गई है।

ऑक्सीजन की कमी से ज्यादा मौतें
प्रदेश में ऑक्सीजन की कमी से मरने वालों की संख्या ज्यादा है, जबकि सरकार इस तथ्य को छुपा रही है। पिछले 13 दिन में जबलपुर, कटनी, शहडोल और भोपाल में ऐसी 56 मौतें हो चुकी हैं। सरकार और अस्पताल प्रशासन इसे ऑक्सीजन की कमी से मौत होना नहीं मान रहा है। उनका कहना है कि मरीजों की हालत ज्यादा गंभीर थी।



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