जबलपुर में कोविड संक्रमित का शव 9 घंटे तक परिजनों को नहीं दिया, 2.50 लाख रुपए मांग रहे थे; सरकारी अस्पताल से महिला की लाश से जेवर चोरी

Posted By: Himmat Jaithwar
4/20/2021

जबलपुर। मध्यप्रदेश के जबलपुर के अस्पतालों में एक सप्ताह के अंदर दूसरी बार शव को बंधक बनाने का मामला सामने आया है। मुखर्जी हॉस्पिटल में कोरोना संक्रमित वृद्ध के शव को ढाई लाख रुपए के लिए अस्पताल प्रबंधन ने नौ घंटे तक परिजनों को नहीं दिया। सुबह सात बजे मौत हुई, लेकिन शव शाम चार बजे मिल पाया। वहीं मेडिकल अस्पताल में कोविड संक्रमित महिला की मौत के बाद उसके पहने जेवर गायब हो गए।

विजय नगर निवासी 62 वर्षीय कोविड संक्रमित को परिजनों ने मुखर्जी हॉस्पिटल में भर्ती कराया था। आरोप है कि रविवार सुबह सात बजे उनकी मौत हो गई। इसके बावजूद वहां के प्रबंधक ने परिजनों को सुबह आठ बजे दवा की पर्ची दी गई। इसके बाद बताया गया कि उनकी मौत हो गई। लाश देने के लिए अस्पताल की ओर से 2.50 लाख रुपए की मांग की गई। पैसे के लिए लाश को अस्पताल प्रबंधक शाम चार बजे तक बंधक बनाए रखा। हंगामा मचा तो शव परिजनों को दिया गया।

कोरोना संक्रमित महिला की मौत के बाद गायब हो गए जेवर
मेडिकल कॉलज स्थित सुपर स्पेशियलिटी सेंटर में रविवार को भर्ती एक महिला की रविवार रात 12 बजे मौत हो गई। परिजनों को सोमवार सुबह नौ बजे दी गई। इसके बाद शव परिजनों के सुपुर्द किया गया। परिजनों ने देखा तो महिला के पहने हुए सारे जेवर गायब थे। इसके बारे में कोई जानकारी देने वाला नहीं था।

रेमडेसिविर इंजेक्शन के लिए मारामारी
रेमडेसिविर इंजेक्शन के लिए शहर में सोमवार को भी मारामारी दिखी। कई अस्पतालों में परिजनों को इंजेक्शन की व्यवस्था के लिए पर्ची दे दी गई। जबकि अस्पताल में भर्ती मरीजों काे शासन द्वारा निर्धारित रेट पर लगाने के निर्देश दिए गए हैं। बावजूद अस्पताल प्रबंधन द्वारा लोगों को खुद से इंजेक्शन खरीदने के लिए भटकाया जा रहा है।

सरकार की रेट को रद्दी की टोकरी में डालकर मनमाना शुल्क वसूल रहे जांच सेंटर।
सरकार की रेट को रद्दी की टोकरी में डालकर मनमाना शुल्क वसूल रहे जांच सेंटर।

जांच के नाम पर लूट जारी
शासन ने कोविड जांच के रेट निर्धारित कर दिए हैं। घर से सैंपल देने पर 200 रुपए अतिरिक्त शुल्क देने होंगे। बावजूद एक महिला से आरपीटीसीआर जांच के नाम पर 1250 रुपए वसूल लिया। जबकि इस जांच की दर 300 रुपए तय है। 200 रुपए मिलाकर 500 रुपए ही पड़ता है। सैंपल लेने आने वाले पीपीई किट तक नहीं पहन रहे। एसआरएल लैब वाले रेपिड जांच के लिए 1250 रुपए जार्च ले रहे हैं। मरीज ने बहस हुई तो थायरोकेयर की रसीद पर्ची थमा दी।

ऑक्सीजन की कालाबाजारी, जंबो सिलेंडर से छोटे में रिफलिंग, कंपनी सील
अधारताल एसडीएम अनुराग तिवारी ने महाराजपुर स्थित लाठिया ट्रेडिंग कंपनी की दुकान को सील कर दिया। यहां ऑक्सीजन सिलेंडरों से गैस रिफिलिंग की जा रही थी। जांच में कंपनी की गाड़ी एमपी 20 जीबी 2060 खड़ी मिली। इसमें आक्सीजन से भरे 16 जम्बो सिलेंडर रखे थे। एक जम्बो सिलेंडर एलटीसी-1587 से आक्सीजन छोटी बी-टाइप सिलेंडर में आक्सीजन को रिफिल किया जा रहा था। पूछताछ में बताया गया कि आसपास के बीमार परिजनों द्वारा बार-बार आग्रह किये जाने पर उन्हें देने के लिए आदित्य गैस प्लांट से उठाए गए आक्सीजन सिलेंडरों से बी टाइप छोटे सिलेंडर में आक्सीजन भरी जा रही है।

लाठिया ट्रेडिंग कंपनी में जंबो सिलेंडर से छोटे में रिफलिंग करने पर सील कर दिया गया।
लाठिया ट्रेडिंग कंपनी में जंबो सिलेंडर से छोटे में रिफलिंग करने पर सील कर दिया गया।

रादुविवि के प्रोफेसर की मौत, 76 अंतिम संस्कार
मध्यप्रदेश के जबलपुर में मौतों को लेकर लगातार सवाल खड़े हो रहे हैं। सरकारी हेल्थ बुलेटिन में सोमवार को 6 संक्रमितों की मौत बताई गई। लेकिन शहर के दो श्मशान घाट और रानीताल, बिलहरी कब्रिस्तान में सोमवार को कुल 76 संक्रमितों का अंतिम संस्कार हुआ। इसमें 20 शवों का अंतिम संस्कार मोक्ष संस्था और शेष नगर निगम ने किया। रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय के गणित विभाग के प्रोफेसर डॉ एस एस राणा का मेडिकल में इलाज के दौरान रविवार को मौत हो गई। वे एक सप्ताह से वहां भर्ती थी। कोरोना संक्रमित प्रोफेसर राणा का अंतिम संस्कार चौहानी मुक्तिधाम में हुआ।

सोमवार को पांच लोगों की मौत घरों में हो गई। मोक्ष संस्था ने चौहानी मुक्तिधाम में अंतिम संस्कार किया।
सोमवार को पांच लोगों की मौत घरों में हो गई। मोक्ष संस्था ने चौहानी मुक्तिधाम में अंतिम संस्कार किया।

अंतिम संस्कार की समस्याओं के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त
अंतिम संस्कार से जुड़ी समस्याओं के निराकरण के लिए सहायक आयुक्त प्रफुल गठरे को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया। पीड़ित परिवार 9926079418 नंबर पर कोई भी कॉल कर सकता है। शहर में कोविड संक्रमितों के बाद परिजनों को काफी परेशानी हो रही थी। कई मौतें घरों में हो रही है। लाश न उठ पाने की वजह से परिजनों को घंटों इंतजार करना पड़ रहा था।



Log In Your Account