वोटिंग होने के बाद आई जनता की याद; कलेक्टर बोले-चुनाव प्रक्रिया के चलते पहले नहीं लगाया गया कोरोना कर्फ्यू

Posted By: Himmat Jaithwar
4/19/2021

मध्यप्रदेश के दमोह में विधानसभा उपचुनाव की वोटिंग होते ही प्रशासन को कोरोना की याद आ गई। नेताओं की रैलियों और रोड शो में कोरोना नहीं दिखा। अब जनता को संक्रमण से बचाने के लिए कर्फ्यू लगा दिया गया है। कलेक्टर तरुण राठी ने रविवार को आदेश जारी करते हुए दमोह में 19 अप्रैल की रात 10 बजे से 26 अप्रैल की सुबह 6 बजे तक कोरोना कर्फ्यू लगाने के आदेश दिए हैं।

कलेक्टर ने अपने आदेश में कहा है कि 18 अप्रैल को सीएमएचओ के प्रतिवेदन पर कोरोना कर्फ्यू लागू किया जा रहा है। कोरोना कर्फ्यू के दौरान सामाजिक, धार्मिक और राजनीतिक जुलूस निकालने पर प्रतिबंध लगाया गया है। कर्फ्यू के दौरान कोई भी कार्यक्रम करने से पहले अनुमति लेना होगी। अब सवाल उठ रहा है कि क्या सीएमएचओ को इसके पहले संक्रमण जिले में नहीं दिखा।

सवाल यह है कि दमोह में चुनावी माहौल के बीच कोरोना संक्रमण फैलना शुरू हुआ। स्थिति यह हुई कि वर्तमान में रोजाना 100 के आसपास मरीज सामने आ रहे हैं। बावजूद इसके प्रशासन ने चुनाव को महत्व देते हुए दमोह की जनता की जान खतरे में डाली और कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए कोई कदम नहीं उठाए। लेकिन मतदान होने के बाद दमोह में कोरोना कर्फ्यू लगाया गया है। इससे स्पष्ट है कि दमोह में सरकार हो या फिर प्रशासन सभी को चुनाव जरूरी था न कि संक्रमण की रोकथाम करना।

कलेक्टर तरुण राठी ने कहा दमोह में बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते हुए 19 अप्रैल की रात 10 बजे से कोरोना कर्फ्यू लागू किया गया है। इससे पहले दमोह में चुनाव प्रक्रिया चल रही थी। इसलिए कोरोना कर्फ्यू लागू नहीं किया गया। 18 अप्रैल को भी चुनावी प्रक्रिया के तहत कार्य चल रहे हैं। यही कारण है कि कोरोना कर्फ्यू 19 अप्रैल से लागू किया जा रहा है।

हाथठेले पर बेच सकेंगे फल, सब्जी, दूध भी पहुंचेगा घर-घर

कोरोना कर्फ्यू के दौरान आवश्यक वस्तुओं को छूट रहेगी। फल, सब्जी, हाथठेलों के माध्यम से फेरी लगाकर बेचे जा सकेंगे। दूध की दुकानें सुबह 7 बजे से 11 बजे तक और शाम को 6 बजे से रात 8 बजे तक खुल सकेंगी। इसके अलावा कृषि से संबंधित दुकानें प्रतिबंध से मुक्त रहेंगी। बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन से यात्री आवागमन कर सकेंगे। स्टूडेंट्स परीक्षा केंद्र पर आवागमन कर सकेंगे।

दमोह में कोरोना संक्रमण की बढ़ी रफ्तार

विधानसभा उपचुनाव के बीच दमोह में कोरोना संक्रमण की रफ्तार बढ़ी है। शनिवार को दमोह के कोरोना संक्रमण काल के इतिहास के सबसे ज्यादा 140 कोरोना संक्रमित मरीज सामने आए। इसके पहले शुक्रवार को 82 और गुरुवार 128 कोरोना मरीज मिले थे। इस प्रकार दमोह में अब तक 4186 कोरोना मरीज मिल चुके हैंं। वहीं पिछले 17 दिनों में दमोह में कोरोना के 883 मरीज मिले और 44 मौतें हुई हैं।

चुनाव से बिगड़ी दमोह की स्थिति, फैला संक्रमण

दमोह में चुनाव प्रक्रिया शुरू होने से पहले कोरोना संक्रमण की स्थिति सामान्य थी। रोजाना 3 से 5 मरीज मिल रहे थे। लेकिन 16 मार्च से चुनाव प्रक्रिया शुरू हुई। इसके बाद राजनीतिक पार्टियों ने चुनावी रैलियां, सभाएं की। इसमें हजारों की भीड़ जमा हुई। बाहरी लोग कार्यक्रमों में शामिल हुए। इतना ही नहीं संक्रमित जिलों के लोग भी राजनीतिक कार्यक्रमों में हिस्सा लेने दमोह पहुंचे। इससे दमोह में दिन प्रतिदिन कोरोना संक्रमण की रफ्तार बढ़ती गई। स्थिति यह हुई कि दमोह के लोगों के साथ ही बाहर से आए पार्टियों के नेता भी संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं।

दमोह में इतना सब होता रहा लेकिन प्रशासन को संक्रमण की रोकथाम के लिए कोरोना गाइडलाइन का पालन करने की भी फुर्सत नहीं मिली। स्थितियों को देखें तो दमोह में कोरोना संक्रमण फैलने का सीधा दोषी प्रशासन और सरकार है।



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