भोपाल। रेमडेसिविर इंजेक्शन के लिए लोग कलेक्टोरेट और दवा मार्केट के चक्कर लगा रहे हैं। लेकिन व्यवस्था में हुए बदलाव की जानकारी नहीं होने और पर्याप्त संख्या में स्टॉक नहीं आने के चलते मरीजों को इंजेक्शन नहीं मिल पा रहे हैं। यही वजह है कि दवा मार्केट से लेकर कलेक्टोरेट में रोज हंगामा हो रहा है। लोग मरीजों की जान बचाने की दुहाई दे रहे हैं, लेकिन बेबस अफसर सरकारी आदेशों का हवाला देकर अस्पताल में इंजेक्शन पहुंचवाने की बात कर रहे हैं।
शनिवार को कलेक्टोरेट में एक महिला प्रीति साहू ने एडीएम माया अवस्थी से कहा कि उनकी बहन पीपुल्स मेडिकल कॉलेज में भर्ती है। लंग्स में इंफेक्शन है। डॉक्टर्स ने रेमडेसिविर लाने के लिए कहा है। मैं हाथ जोड़ती हूं। मेरी बहन की जान बचाना है, इसलिए दो रेमडेसिविर चाहिए। इस पर एडीएम ने कहा कि सरकार ने इंजेक्शन बांटने की व्यवस्था में बदलाव कर दिया है। अब स्टॉकिस्ट सीधे कोविड अस्पतालों को इंजेक्शन सप्लाई करेंगे। आप लोगों को भटकने की जरूरत नहीं है, अस्पताल प्रबंधन से बात करिए। उनके यहां पर इंजेक्शन पहुंचे होंगे।
अस्पताल प्रबंधन ने लेटर थमाया, कहा-खुद लेकर आओ इंजेक्शन
कोटरा स्थित शारदा अस्पताल में भर्ती कोरोना मरीज के परिजन प्रशांत खोंगरे दो दिन से रेमडेसिविर इंजेक्शन खोज रहे हैं। दवा मार्केट से लेकर सारे अफसरों से मिन्नतेें कर चुके हैं। फिर भी इंजेक्शन की डिमांड पूरी नहीं हो पाई। प्रशांत ने बताया कि अस्पताल प्रबंधन ने लेटर थमा दिया है कि इंजेक्शन खुद ले आओ। हमारे पास नहीं है।
संक्रमण बढ़ा, फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन दफ्तर सील
फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन का दफ्तर सील कर दिया गया है। इसकी वजह यहां के ज्यादातर स्टॉफ का कोविड पॉजिटिव होना है। कुछ अधिकारियों को राज्यस्तरीय कंट्रोल रूम में ड्यूटी में लगाया गया है।