भोपाल। कोरोना मरीजों के लिए नोएडा के मोदीनगर प्लांट से 20 टन ऑक्सीजन लेकर आ रहे दो टैंकर में से एक टैंकर सड़क किनारे पलट गया। घटना शुक्रवार-शनिवार की दरमियानी रात करीब 4 से 5 बजे के बीच श्यामपुर के पास घाट प्लासी पर हुई। टैंकर ड्राइवर चंद्र महतो चला रहा था। उसके मुताबिक टैंकर के आगे एक गाड़ी चल रही थी, अचानक रॉन्ग साइड से एक डंपर आ गया, उसे बचाने के चक्कर में उसने टैंकर को सड़क किनारे उतार दिया। यहां काली मिट्टी थी, जिसमें टैंकर फंसने से धंस गया। ड्राइवर ने टैंकर केबिन से बाहर निकलकर अफसरों को इसकी जानकारी दी तो भोपाल, राजगढ़, सीहोर कलेक्टर एक्टिव हुए।
ट्रांसपोर्ट कमिश्नर ने तीनों जिलों के आरटीओ को मौके पर भेजा। सभी को डर था कि कहीं ऑक्सीजन लीक न हो रही हो, वरना बड़ा हादसा हो जाएगा। फिर शासन स्तर पर बड़े अफसरों को हालात की जानकारी दी गई, फिर रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू हुआ। सुबह करीब 6 बजे आईनॉक्स एयर प्रोडक्ट की तकनीकी टीम जगत सिंह के नेतृत्व में मौके पर पहुंची। उसने टैंकर में लीकेज की जांच की। शुक्र रहा कि कहीं भी लीकेज नहीं हो रहा था। इसके बाद कैप्सूल को 10 फीट गहरी खाई से निकालने के लिए दो क्रेन सीहोर और दो राजगढ़ से बुलाई गईं।
लेकिन, वे 30 टन वजनी टैंकर को बाहर नहीं निकाल पाईं। फिर भोपाल की बरनाला क्रेन से संपर्क किया गया। यहां से एक बड़ी क्रेन और तीन छोटी क्रेन बुलाई गईं। 8 क्रेन ने ताकत लगाई, तब टैंकर बाहर निकल सका। इसका ड्राइविंग केबिन क्षतिग्रस्त हो गया था, इसलिए एक अन्य ट्रक को बुलाकर टैंकर को टोचन कर भोपाल के गोविंदपुरा इंडस्ट्रियल एरिया स्थित आईनॉक्स एयर प्रोडक्ट लिमिटेड प्लांट तक 34 किमी का ग्रीन कॉरिडोर बनाकर लाया गया।
पास में चिंगारी भी होती तो हो जाता ब्लास्ट
कंपनी के विशेषज्ञों के मुताबिक यदि टैंकर में लीकेज होता तो ऑक्सीजन पूरी निकल जाती। उसके पास आग का कोई स्रोत होता, तो उससे मिलते ही आग ब्लास्ट के साथ भड़क सकती थी। गनीमत थी कि ऐसा नहीं हुआ।
40 किमी की रफ्तार से बिना रुके 34 किमी का सफर
सीहोर कलेक्टर अजय गुप्ता के मुताबिक सीहोर से भोपाल तक टैंकर को लाने के लिए सड़क खाली कराई गई। ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया। ट्रक के आगे प्रशासन और पुलिस की एक-एक गाड़ी सायरन बजाती हुई चल रही थीं, ताकि कहीं रुकना न पड़े। ट्रक की 40 किमी प्रति घंटे की रफ्तार तय की गई और इसी रफ्तार से 34 किमी का सफर तय किया गया। टैंकर की पूरे सफर भर ज्वाइंट कलेक्टर राजेश गुप्ता और कलेक्टर अविनाश लवानिया अफसरों की मदद से निगरानी करते रहे। दूसरा टैंकर जाम में फंसा था, उसे वहां से निकालकर भोपाल सुरक्षित रवाना किया गया।