मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र सरकार के बीच अब ऑक्सीजन को लेकर कंसंट्रेटर वॉर शुरू हो गया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार को आरोप लगाया कि महाराष्ट्र सरकार मध्य प्रदेश की कंसंट्रेटर मशीनें रोकने का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा, मध्य प्रदेश ने महाराष्ट्र से पहले कंसंट्रेटर मशीनों का ऑर्डर दिया था, लेकिन निर्माता कंपनियों पर दबाव बनाया जा रहा है कि मध्य प्रदेश की सप्लाई रोक कर महाराष्ट्र में आपूर्ति करे। इस पर पलटवार करते हुए शिवसेना सांसद और प्रवक्ता अरविंद सावंत ने कहा कि यह पाप हम (महाराष्ट्र सरकार) नहीं करते। उद्धव ठाकरे सरकार “जियो और जीने दो” के सिद्धांत पर चलने वाली सरकार है।
इससे पहले शिवराज सिंह ने बताया कि प्रदेश में 2 हजार ऑक्सीजन कंस्ट्रेटर मशीनों की पहली खेप आ चुकी है। दूसरी खेप में 650 मशीनें आएंगी। इसके अलावा, जिला स्तर पर करीब 1300 मशीनें खरीदी जा चुकी हैं। इनको आपात स्थिति से निपटने के लिए खरीदकर रिजर्व किया जा रहा है। शिवराज के आरोपों पर शिवसेना सांसद अरविंद सावंत ने भास्कर से कहा कि महाराष्ट्र सरकार ने किसी की थाली से छीनकर खुद के लिए कभी नहीं मांगा है। महाराष्ट्र को उसके हक की चीजें ही नहीं मिल रही हैं, ऐसे में दूसरों से छीनकर लेने की बात ही कहां से आती है।
जानकारी के मुताबिक कोरोना की पहली लहर में मध्य प्रदेश सरकार ने पिछले साल सितंबर माह में भोपाल के हमीदिया अस्पताल में कोविड मरीजों के लिए 40 ऑक्सीजन कंस्ट्रेटर मशीन लगाई थी। इन मशीनों से कोरोना के गंभीर मरीजों को सीधे हवा दी जाती है, जिससे उनके शरीर में ऑक्सीजन सेचुरेशन लेवल कम ना हो। बता दें कि एक मशीन का उपयोग 2 मरीजों के लिए होता है, इसलिए इनको आईसीयू में इंस्टॉल किया जाता है।
1 लाख रेमडेसिविर के लिए नया ऑर्डर
मुख्यमंत्री ने कोरोना की समीक्षा बैठक में बताया, प्रदेश में रेमडेसिविर इंजेक्शन की कमी नहीं होने दी जाएगी। इसके लिए सरकार ने 1 लाख डोज का नया आर्डर दिया है। जो जल्दी ही प्राप्त हो जाएंगे। इससे पहले अब तक 42 हजार रेमडेसिविर इंजेक्शन की शासकीय सप्लाई आ चुकी है। इधर, कैलाश विजयवर्गीय ने सोशल मीडिया पर लिखा था- मायलोन कंपनी के उपाध्यक्ष से बात हुई है। वे इंदौर को जल्दी ही 1 हजार से 2 हजार के बीच रेमडेसिविर इंजेक्शन जल्दी ही भेजेंगे।
टेस्टिंग को लेकर जताई नाराजगी
बैठक में मुख्यमंत्री ने टेस्टिंग की मौजूदा व्यवस्था को लेकर मुख्यमंत्री ने नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि 24 घंटे में रिपोर्ट की व्यवस्था करे। छोटे जिलों में रिपोर्ट लेट आ रही है। ये नहीं चलेगा, इसकी व्यवस्था बना कर दें। उन्होंने कि स्वास्थ्य मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी और चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग और एसीएस सुलेमान बैठकर तय करें। लैब और निजी अस्पतालों से बात करें कि रिपोर्ट समय पर आए। ज्यादा से ज्यादा टेस्ट किए जाएं।