मध्यप्रदेश में अब कोराेना पूरी तरह से बेकाबू हो गया है। गंभीर कोरोना मरीजों के लिए जीवनदान साबित होने वाले रेमडेसिविर इंजेक्शन का संकट भी गहराता जा रहा है। सरकार का दावा है कि 16 अप्रैल को रेमडेसिविर इंजेक्शन के 9768 डोज की आपूर्ति हुई, फिर भी प्रदेश के हर जिले में रेमडेसिविर इंजेक्शन के लिए हाहाकार मचा है। मरीजों के परिजन एक इंजेक्शन के लिए एक शहर से दूसरे शहर भटक रहे हैं। उज्जैन के सरकारी हॉस्पिटल में भर्ती एक 23 साल की कोरोना संक्रमित पीडिता के वीडियो ने सरकार के सभी दावों की हकीकत बयां कर दी है।
शिवराज जी, आप सोशल मीडिया पर लंबी चौड़ी बातें कर बड़े-बड़े दावे कर रहे हैं, लेकिन इस वीडियो को देख हकीकत देख लीजिए। उज्जैन के चरक हॉस्पिटल की पांचवी मंजिल पर बने कोविड वार्ड में 23 साल की अकेली लड़की प्रेक्षा दुबे जिंदगी के लिए जंग लड़ रही है। डॉक्टर्स ने रेमडेसिविर इंजेक्शन लिखा है यह आपके सरकारी अस्पताल में उपलब्ध नहीं है। छोटा भाई करीब 6 घंटों से संक्रमण के बीच यहां -वहां धक्के खा रहा है। नोडल अधिकारी का कहना है सिर्फ 15 इंजेक्शन आये थे। अब हमारे पास नहीं है।