मध्यप्रदेश में कोरोना की रफ्तार में कोई कमी नहीं दिख रही है। अब छोटे शहरों में भी एक दिन में 200-200 से ज्यादा संक्रमित निकलने लगे हैं। 24 घंटे में उज्जैन, बैतूल, झाबुआ, रीवा, सतना और शाजापुर में 200 से ज्यादा नए केस सामने आए हैं। इस दौरान प्रदेश में सबसे ज्यादा 1,679 केस भोपाल में मिले हैं। इसके बाद इंदौर में 1,679 संक्रमित निकले, जबकि सबसे ज्यादा 10 मौतें हुईं।
उधर, जबलपुर स्वास्तिक अस्पताल प्रबंधन ने एक संक्रमित का शव को देने से मना कर दिया। मरीज के परिजन पहले ही ढाई लाख रुपए जमा करा चुके थे, लेकिन अस्पताल वाले सवा लाख रुपए और मांग रहे थे।बाद में प्रशासन के दखल के बाद अस्पताल ने शव दिया।
प्रदेश में लगातार केस बढ़ने की वजह से नए मरीजों के लिए बेड की कमी पड़ गई है। इंदौर, जबलपुर में सबसे ज्यादा दिक्कत आ रही है। अस्पताल के बाहर मरीज अपने वाहनों में ही बेड खाली होने का इंतजार कर रहे हैं। जबलपुर में बेड बढ़ाने के लिए कलेक्टर कर्मवीर शर्मा गुरुवार को अधिकारियों के साथ शहर के चक्कर लगाते रहे।
नौ घंटे ऑटो में ऑक्सीजन के सहारे भटके तब मिला बेड
इंदौर में बुजुर्ग दंपति ऑटो में सिलेंडर टांगे 9 घंटे तक 7 अस्पतालों में भटकते रहे।
इंदौर में ऑक्सीजन की किल्लत के चलते गुरुवार को कई अस्पतालों ने मरीजों को भर्ती करने से मना कर दिया। कई मरीज परिजन के साथ अस्पतालों के बाहर इंतजार करते रहे। बंगाली इलाके के मित्र बंधु नगर की 62 वर्षीय चित्रलेखा को लेकर उनके पति ज्ञानसिंह 9 घंटे तक 7 अस्पतालों के चक्कर लगाते रहे। ऑटो में ऑक्सीजन सिलेंडर लेकर वे सुबह 9.30 बजे घर से निकले और शाम 6.30 बजे रिया अस्पताल में 50 हजार रुपए जमा कराने के बाद चित्रलेखा को भर्ती किया गया। उन्होंने ऑटो वाले को भी एक हजार रुपए किराया चुकाया।
भोपाल: इंदौर से आगे निकला, एम्स में बंद होगी जनरल ओपीडी
भोपाल ने इंदौर को नए केस के मामले में पीछे कर दिया है। यहां इंदौर से 3 केस ज्यादा 1681 आए। संक्रमण दर 27 फीसदी से ज्यादा है। सरकार ने कोरोना मरीजों के लिए संसाधन आरक्षित करने लगी है। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) भोपाल में कोरोना मरीजों के लिए 500 बेड रिजर्व किए हैं। इसके अलावा 165 बेड का ICU भी होगा। यहां कुल 870 बेड हैं। 19 अप्रैल से जनरल ओपीडी बंद कर दी जाएगी, लेकिन इमरजेंसी ओपीडी चालू रहेगी। नियमित ऑपरेशन भी बंद कर दिए जाएंगे। सिर्फ इमरजेंसी केस में ही ऑपरेशन किए जाएंगे।
इंदौर: नए केस से ज्यादा हुए डिस्चार्ज, लेकिन मौतें ज्यादा
24 घंटे में 7124 सैंपल में से 1679 नए केस सामने आए है, जबकि 1895 मरीज स्वस्थ होकर घर गए। इससे इंदौर एक्टिव केस 10 हजार से घट कर 9848 हो गए। हालांकि मौतों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। सरकारी रिकॉर्ड में 10 लोगों की मौत हुई। संक्रमण दर कम नहीं हो रही है, जो अभी भी 23 फीसदी से ऊपर बनी हुई है।
ग्वालियर: 735 नए केस, लगातार चौथे दिन 500 पार
शहर में कोरोना संक्रमितों की संख्या लगातार बढ़ रही है। 24 घंटे में 735 संक्रमित आए हैं और 2 की मौत हुई है। सिंधिया कन्या विद्यालय की 23 छात्राएं भी संक्रमित निकली हैं। यह लगातार चौथा दिन है, जब संक्रमितों का आंकड़ा 500 के पार गया है। गुरुवार को अंचल के शिवपुरी जिले में पहली बार 248 नए संक्रमित मिले हैं। दतिया, मुरैना, श्योपुर और भिंड में संक्रमितों की संख्या 100 से कम रही है।
जबलपुर: अस्पताल फुल, नई जगह की तलाश
यहां नए केस 724 आए हैं, 8 की मौत हुई है। 2570 सैंपलों की जांच हुई थी। 4614 एक्टिव केस और 2082 संदिग्ध केस हो गए हैं। 20 कंटेनमेंट जोन एक्टिव है। कोरोना के बढ़ते आंकड़ों ने प्रशासन की चिंता बढ़ा दी है। चिंता इस बात की कि इसी रफ्तार से मरीज सामने आए तो अगले दो दिनों में उन्हें कहां भर्ती करेंगे। गुरुवार को कलेक्टर अमला लेकर पूरे शहर में घूमे और मरीजों को भर्ती करने के लिए नया ठिकाना तलाशने की कोशिश की। हालांकि अभी तय नहीं हो पाया है कि कहां मरीजों को भर्ती किया जाएगा।
सरकारी आंकड़ों में मौत 8, श्मशानों में 60 चिताएं जलीं
जबलपुर के चौहानी श्मशान घाट पर अंतिम संस्कार के लिए जगह कम पड़ गई।
जबलपुर प्रशासन की हेल्थ बुलेटिन में 8 लोगों की मौत बताई गई, लेकिन दो श्मशान घाटों में 60 लाशें जलीं। एक के बाद एक कोरोना संक्रमितों के शव आते रहे। चिता ठंडी पड़ने से पहले ही दूसरे शव के अंतिम संस्कार की तैयारी होने लगी। जगह की कमी को देखते हुए जेसीबी लगाकर चौहानी श्मशान घाट में जगह समतल कराई गई। 20 शवों के संस्कार के लिए जगह बनाई गई। तिलवारा में भी कोविड संक्रमितों का अंतिम संस्कार शुरू कर दिया गया है।