ग्वालियर। ग्वालियर के मेहरबान सिंह पेशे से कांट्रैक्टर हैं। उनका एक ही बेटा है शिवम। धूमधाम से शादी के अरमान लिए मेहरबान सिंह ने मेला ग्राउंड में चार लाख रुपए में गार्डन बुक कर दिया। तैयारियां शुरू की और 22 अप्रैल के रिसेप्शन के लिए दो हजार कार्ड भी बांट दिए। शहर में यादगार बारात के लिए तीन बड़े बैंड बुक किए थे। सब कुछ तय हो गया, लेकिन अब सब धरा रह गया। इससे दो समस्या खड़ी हो गई हैं। पहली, शादी आगे कैसे बढ़ाएं, क्योंकि बेटे के लिए डेढ़ साल तक मुहूर्त नहीं है। दूसरी, 2000 में से 50 मेहमान कैसे चुनें। दो दिन माथापच्ची के बाद तय किया कि बाहर से किसी मेहमान को नहीं बुलाएंगे, केवल घर वालों की उपस्थिति में फेरे कराए जाएंगे। 50 लोगों के लिहाज से गार्डन की बुकिंग रद्द कर दी और होटल में एसी हॉल बुक किया है।
यह सिर्फ मेहरबान सिंह की समस्या नहीं, बल्कि मध्यप्रदेश के हर उस घर की कहानी है, जिनके यहां अप्रैल या मई में फेरे होने वाले हैं। अप्रैल, मई और जून में 34 मुहूर्त हैं, लेकिन इनमें से 21 मुहूर्त पर कोरोना कर्फ्यू, वीकेंड कर्फ्यू और लॉकडाउन का साया पड़ा है। सबसे ज्यादा मुसीबतें इंदौर, भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर जैसे शहरों में हैं, जहां लंबा लॉकडाउन लगा दिया गया। ज्यादा केस आने से यह और बढ़ने के आसार तय हैं। पंडितों, केटरर्स, मैरिज गार्डन और टैंट वालों से बातचीत में पता चला कि लगभग 40% शादियां दीवाली तक टाल दी गई हैं। 50% लोग तय नहीं कर पा रहे हैं कि क्या करें। मेहरबानसिंह जैसे 10% लोग हैं, जिन्होंने तुरत-फुरत में कार्यक्रम को शार्ट करके शादी बरकरार रखी है। सरकार ने कोरोना कर्फ्यू लगा दिया। शादी समारोह में सिर्फ 50 लोगों के शामिल होने की इजाजत है। कर्फ्यू में सड़क पर बारात भी नहीं निकाल सकते।
वीकेंड लाॅकडाउन पर पड़ रहे मुहूर्त
शुक्रवार शाम 6 बजे से सोमवार सुबह 6 बजे तक प्रदेश के ज्यादातर शहर में कोरोना कर्फ्यू व वीकेंड लॉकडाउन है। ऐसे में शुक्रवार, शनिवार व रविवार को जिनके भी शादी पड़ रही हैं, वे टेंशन में हैं। अप्रैल में कोरोना से बुरा हाल है। आगे मई और जून में भी यही हाल रह सकता है, इसलिए लोग इन तीन महीनों की शादियों को रद्द कर दीवाली बाद का प्लान कर रहे हैं। वीकेंड पर पड़ने वाले मुहूर्त यह हैं -
- अप्रैल में 22 तारीख से शादी मुहूर्त है। 24, 25 व 30 अप्रैल की तारीखें वीकेंड लॉकडाउन में फंस रही हैं। कई जगह लॉकडाउन बढ़ा दिया है।
- मई में 1, 2, 7,8,9,21,22,23, 28 मई के मुहूर्त वीकेंड पर आ रहे हैं।
- जून में 4,5,6,18,19,20,25, 26 जून की तिथि वीकेंड कर्फ्यू में उलझ रही हैं।
- 22 अप्रैल की शादी के लिए फलदान समारोह में सैनिटाइजर से हैंड वॉश कर जाते हुए लोग, अंदर लोगों को मास्क भी बांटे जा रहे हैं।
ऐसी मजबूरी कि मामा, बहन, जीजाजी भी नहीं आ सकेंगे
इंदौर के विद्या नगर निवासी महेश भराणी के अनुसार सारे आयोजन पहले ही तय कर दिए थे। अब 24 अप्रैल की रात माहेश्वरी भवन में मेहमानों समेत पहुंचेंगे। 25 अप्रैल को गणेश जी की स्थापना, सगाई, महिला संगीत करेंगे। पहले शादी नवंबर में करने वाले थे। सोचा था, अप्रैल तक कोरोना वैक्सीन आ जाएगी, तो सब कुछ सामान्य हो जाएगा, लेकिन हालात अब भी वैसे ही हैं। 86 वर्षीय पिता जुगलकिशोर भराणी सहित मामा, बहन व जीजाजी के परिजन भी शामिल नहीं हो पा रहे।
अरमान पूरे करें या शादी निपटाएं
ग्वालियर के मुरार निवासी शुभम पाठक अपने पिता का इकलौता बेटा है। पिता PWD में अफसर हैं। इकलौता बेटा है, इसलिए धूमधाम से शादी करने का मन था। 29 अप्रैल की शादी है। 22 अप्रैल का फलदान है। शादी के लिए मेला में कुसुमाकर गार्डन बुक किया था। दिल्ली से कैटरिंग सर्विस वाले आ रहे हैं। 1500 लोगों को अभी तक शादी का कार्ड बांट चुके हैं। अब कोरोना के चलते सिर्फ 50 लोग ही बुला सकते हैं। ऐसे में समस्या यह है कि किसे बुलाए किसे नहीं। शादी रद्द नहीं कर सकते क्योंकि 2 साल तक वापस शादी का योग नहीं है। अभी तक निर्णय नहीं ले पाए हैं, क्या करें।
गार्डन से रद्द कर होटल में की बुकिंग
ग्वालियर के सिटी सेंटर निवासी मेहरबान सिंह ठेकेदार हैं। इकलौते बेटे शिवम की शादी धूमधाम से करना चाहते हैं। मेला ग्राउंड में 4 लाख में गार्डन बुक किया है। 2000 लोगों को बुलावा भेज चुके हैं। 22 अप्रैल की शादी है। सोचा था, धूमधाम से सड़क पर बारात निकालेंगे। तीन बैंड बुक किए हैं। अब अरमान रखे रह गए। 18 महीने तक बेटे की शादी का मुहूर्त नहीं है। अभी करते हैं, तो 2000 में से कौन 50 होंगे यह टेंशन है। अब घर के लोग ही शादी में शामिल होंगे। गार्डन की बुकिंग रद्द कर होटल में एसी हॉल बुक किया है।
2 मई की शादी देवउठनी ग्यारस पर
इंदौर के ही एबी रोड स्थित पंचवटी निवासी शिव कुमार शिंदे ने बताया, बेटे की शादी 2 मई को थी। इस दिन रविवार का लॉकडाउन और 50 सदस्यों में कैसे शादी समारोह होता, यह समझ नहीं आ रहा था, इसलिए परिजन से चर्चा कर कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए शादी देवउठनी ग्यारस के बाद नवंबर-दिसंबर में करने का निर्णय लिया है। महाराष्ट्र व राजस्थान के रिश्तेदारों ने भी असमर्थता जताई थी।