रीवा। रीवा हादसे के बाद लापरवाही में एक युवक की जान चली गई। बाइक सवार युवक को डंपर ने टक्कर मार दी। वह लहुलूहान हो गया। मौके पर पहुंचे परिजन उसे अस्पताल ले जाने की बजाए चक्काजाम और तोड़फोड़ करने लगे। बड़े बवाल की आशंका पर कई थानों का पुलिस बल बुलाना पड़ा। देर रात तक चले बवाल के बाद परिजन पुलिस की बात मानें और यातायात बहाल किया गया। इधर बवाल के कारण घायल युवक को समय पर इलाज नहीं मिला और अंदरुनी चोट से उसकी मौत हो गई।
हनुमना से लौट रहा था युवक
मऊगंज एएसपी विजय डाबर ने बताया कि उमेश सोनी पिता मुन्नालाल सोनी निवासी शाहपुर सोमवार की रात हनुमना से बाइक में सवार होकर अपने घर लौट रहा था। रात करीब 8 बजे वह जैसे ही शाहपुर थाने के गोरमा नदी के पुल पर पहुंचा। तभी पीछे से आ रहे तेज रफ्तार डंपर ने बाइक को टक्कर मार दी। इस दौरान आरोपी चालक वाहन छोड़कर मौके से फरार हो गया। घटना देखकर स्थानीय लोगों का आक्रोश फूट पड़ा। उन्होंने घायल युवक को इलाज कराने के बजाय मुख्य हाइवे में चक्काजाम कर दिया।
अफरा-तफरी का माहौल निर्मित
लोगों का गुस्सा टक्कर मारने वाले वाहन पर फूटा और उन्होंने डंपर की तोड़फोड़ करते हुए आग लगाने की कोशिश की। इस घटना से अफरा-तफरी का माहौल निर्मित हो गया। सूचना मिलते ही भारी पुलिस बल मौके पर पहुंच गया। आक्रोश को देखते हुए आसपास के दर्जन भर थाने का बल मौके पर पहुंच गया। साथ ही पुलिस ने दमकल वाहन को मौके पर बुला लिया। पुलिस ने परिजनों को समझाइश देकर शांत करवाने का प्रयास किया लेकिन वे बसंल कंपनी के कर्मचारी को बुलवाने की मांग कर रहे थे। इधर कुछ देर बाद डंपर की चपेट में आने से युवक की घटनास्थल पर ही मौत हो गई।
उपचार की जगह बवाल से युवक की मौत
ASP ने बताया कि घायल युवक के शरीर पर चोट के निशान नहीं थे। न ही शरीर में कहीं से ब्लड निकला है। उसको सिर्फ अंदरुनी चोट लगी थी। शायद समय पर उपचार मिलता तो युवक की जान बच सकती थी। लेकिन इन दिनों रीवा में हर हादसे के बाद बवाल का प्रचलन हो गया है। लोग मौका देखकर घटना को भुनाते है, जबकि सबसे पहले घायल को इलाज के लिए ले जाना चाहिए था। सोमवार रात के केस में भी ऐसा ही हुआ। अस्पताल न ले जाने के लिए गंभीर रूप से घायल उमेश सोनी की मौत हो गई।
पूर्व विधायक भी पहुंचे घटनास्थल
चक्काजाम और बवाल की सूचना पर मऊगंज के पूर्व कांग्रेसी विधायक सुखेन्द्र सिंह बन्ना भी मौके पर पहुंचे है। उन्होंने पुलिस के साथ प्रदर्शनकारियों को शांत कराने की कोशिश की थी। वे पुलिस अधिकारियों व परिजनों से बात की। जिसके बाद परिजन जाम खोलने को राजी हो गए। रात में शव को पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल भिजवा दिया गया। पुलिस मर्ग कायम कर घटना की जांच की जा रही है। हादसे में वाहन चालक की लापरवाही सामने आई है जो काफी तेज गति से वाहन चला रहा था।