रतलाम। रतलाम में 1 निजी कोविड हॉस्पिटल के निजी चिकित्सक ने कोरोना के सारे सरकारी ताम झाम पर सवाल खड़े कर दिए है और अपना एक बयान का वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट किया है, जिसमे कोविड मरीज के लिए रेमेडिसिमर इंजेक्शन को खरतनाक बताया है, दरसल निजी आयुष कॉलेज में कोविड मैरिजो को इलाज की अनुमति जिला प्रशासन ने दी है, हालांकि यहां पर बड़ी मौटी रकम भी मैरिजो के इलाजे के लिए वसूली जा रही है। मात्र 3 से 4 दिन में करीब 1 लाख का बिल कोविड नेगेटिब मरीज का ही बनता है इस निजी कोलेज के संचालक डॉ. राजेश शर्मा ने एक अपने बयान का वीडियो सोशल मीडिया पर डाल है और सरकार के कोरोंना मरिजों की रोकथाम की कवायद पर पानी फेर दिया है।
डॉ. राजेश शर्मा ने बताया कि इस वक्त सिर्फ मास्क और सोशल डिस्टनसिंग ही वैक्सीन है। रेमेडिसिवर इंजेक्शन का हवा बनाया जा रहा है, जबकि रेमेंडिसिवर इंजेक्शन किडनी के के लिए घातक है। डॉ. राजेश शर्मा ने यह दावा भी किया कि मैने अपने किसी भी कोविड मरीज को रेमेडिसिमर इंजेक्शन नहीं लगे और सभी का इलाज हुआ, अब ऐसे में निजी डॉक्टर के द्वारा दिये इन बयान के बाद सरकार और प्रशासन की सारी कवायदों पर पानी फिर जाता है। सवाल अब यही सामने खड़ा यही की जब सरकार रेमेंडिसिवर इंजेक्शन को गंभीर मरीज की प्राथमिकता बताकर उन्हें निःशुल्क यह इंजेक्शन लगाने की बात क्यो कह रही है क्या वाकई यह जान बचाने वाला इंजेक्शन जिसके लिए हड़कम्प मंचाया हुआ है। वह जान का जोखिम है या फिर निजी डॉक्टर अपने अस्पताल का इलाजे बेहतर बताकर मैरिजो को अपने अस्पताल लाकर मौटी रकम वसूलने की तैयारी में है, क्योंकि निजी अस्पतालों में मैरिजो के इलाज में जो बिल बन रहे हैं वह इतने बड़े है कि गरीब आदमी को अपना सबकुछ बेचकर इलाज करना पड़ रहा है।
इधर शासकीय मेडिकल कॉलेज में भी इलाजे में लापरवाही के मामले लगातार बढ़ते जा रहे है ऐसे में लोगो मे शासकीय इलाज से विश्वास उठ रहा है और वह अपने परिजनों को निजी अस्पतालों में ले जा रहे है, आखिर कोविड के इलाज किसकी लापरवाही , सरकार जिस दवा के इंजेक्शन को निःशुल्क लगाने की बात कह रही उसे निजी डॉक्टर खतरनाक क्यो बता रहेl