इंदौर बायपास पर 15 मिनट खड़े हो जाइए। 25 से ज्यादा ऑटो रिक्शा आपके सामने से गुजर जाएंगे। जी हां, मुंबई, वसई, पुणे, नवी मुंबई, ठाणे, विरार के हजारों की संख्या में रिक्शा चालक 200 सीसी की क्षमता वाले छोटे से ऑटो पर 1600 से 2000 किलोमीटर के सफर पर निकल चुके हैं। हर ऑटो में कम से कम चार सवारी है। तीन दिन पहले इस तीन पहिया वाहन पर शुरू हुई इनकी जिंदगी अभी अगले तीन दिन तक ऑटो रिक्शा पर ही गुजारनी है। यह नजारा पिछले साल भी देखने को मिले थे।
महाराष्ट्र में तेजी से संक्रमण फैल रहा है। देश में सबसे ज्यादा केस भी यहीं मिल रहे हैं और मौतें भी हो रही हैं। इसकी वजह से पहले वीकेंड लॉकडाउन किया गया है। कुछ शहरों में लॉकडाउन लगा दिया गया है। लोगों को डर सताने लगा है कि कभी भी लंबा लॉकडाउन लग सकता है। इससे डरे-सहमे लोग अपने गांवों की ओर पलायन करने लगे हैं। इन ऑटो वालों में से ज्यादातर यूपी, झारखंड, बिहार के गांवों के हैं।
इंदौर बायपास रोड पर मुंबई के ऑटो रिक्शा की काफी बड़ी तादात देख रहे हैं। इनमें ऑटो रिक्शा वालों के परिवार भी सवार दिखाई देते हैं। कई ऑटो रिक्शा चालक किराया लेकर लोगों खासकर उत्तर प्रदेश और बिहार के लोगों को उनके मूल निवास स्थानों तक छोड़ रहे हैं। मुंबई से आ रहे सीएनजी चालित ऑटो रिक्शा की इंदौर बायपास रोड के ईंधन पंपों पर लंबी कतारें लग रही हैं, क्योंकि इस मार्ग पर सीएनजी पंपों की कमी है। इस मार्ग पर सीएनजी पंप सुबह छह बजे से रात 10 बजे के बीच खुलते हैं।