सूरजपुर। आज हम मंगल गृह पर जीवन की बात कर रहे हैं, लेकिन आज भी हमारे देश की एक बड़ी आबादी मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं. हम बात कर रहे हैं सूरजपुर जिले के प्रतापपुर इलाके के एक गांव की, जहां आज भी पूरे गांव के आदिवासी ग्रामीण पीने के पानी के लिए तरस रहे हैं. उनको पेयजल के लिए हर सुबह लगभग आधा किलोमीटर की दूरी तय करने के बाद घंटो मशक्कत करनी पड़ती है. सरकारें बदली लेकिन इनकी तक़दीर नहीं बदली ये आदिवासी ग्रामीण स्थानीय अधिकारीयों से लेकर मंत्री जी तक से गुहार लगा चुके हैं लेकिन इनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है.
दरअसल सूरजपुर जिले के प्रतापपुर ब्लॉक में स्थित एक छोटा सा गांव पार्वतीपुर है. इस गांव की आबादी लगभग 300 से 400 के करीब है. इस गाँव में चेरवा जाति के लोग निवास करते हैं. जो प्रदेश के अनुसूचित जनजाति हैं. जो बेहद गरीब हैं और मजदूरी करके अपना भरण-पोषण करते हैं. आजादी के इतने सालो के बाद भी ये आदिवासी पीने के पानी के लिए तरस रहे हैं. कहने को तो इस गांव में दो हैण्ड पंप हैं, लेकिन इस हैण्ड पंप से इतना दूषित पानी निकलता है की उसका सेवन करना मौत को दावत देने के बराबर है. जिसकी वजह से इस गाँव की महिलायें सुबह होते ही अपने बच्चों के साथ गांव से करीब आधा किमी की दूर स्थित नदी से घंटो मशक्कत करने के बाद पीने का पानी ला पाती हैं.
नदी की रेत खोदकर निकालते पानी
हालांकि अब गर्मी की वजह से नदी लगभग सुख चुकी है. जिसकी वजह से ये महिलायें सूखे नदी के रेत को खोदकर घंटो पानी इकठ्ठा होने का इंतजार करती है. जब उस गढ्ढे में पानी भर जाता है तो किसी बर्तन की सहायता से उसे भरकर अपने घरो को जाती हैं. गर्मी की वजह से उन्हें यह काम दिन में कई बार करना पड़ता है. इतनी मशक्कत करने के बाद भी इन ग्रामीणों को पीने योग्य पानी नहीं मिल पाता है. हाँ इतना जरूर है की नदी के बालू से निकाला जाने वाला पानी देखने में साफ़ दिखता है. ग्रामीणों के द्वारा इसकी लिखित शिकायत स्थानीय अधिकारियों से लेकर कैबिनेट मंत्री तक से की है,लेकिन आज भी इनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है.
हैंडपंप है लेकिन स्त्रोत गंदा हो सकता है
एक ओर ये गरीब आदिवासी इतनी बड़ी समस्या से जूझ रहे हैं, वहीँ सम्बंधित अधिकारी कह रहे हैं कि वे गाँव में जल्द ही नल-जल योजना शुरू करेंगे. फिर कह रहे हैं की पानी का स्त्रोत ही खराब है इसलिए हैण्ड पम्प का पानी खराब है. आखिर में उन्होंने कहा की आपके माध्यम से हमें जानकारी मिली है हम जल्द उनकी समस्या का निराकरण करेंगे.
नेताओं के होते हुए भी हालत जस की तस
आपको बता दें की प्रतापपुर विधानसभा क्षेत्र प्रदेश के राजनीति में ख़ास मायने रखता है. अभी इस क्षेत्र के विधायक प्रेम साय सिंह टेकाम हैं. जो की प्रदेश के शिक्षा मंत्री हैं और पिछले कार्यकाल में यहां के विधायक थे. रामसेवक पैकरा जो गृह मंत्री के साथ ही PHE मंत्री भी थे. बावजूद इसके आज भी इस इलाके के ग्रामीण दूषित पानी पीने को मजबूर है.