वरिष्ठ हवलदारों की अनदेखी, कनिष्ठों को बांटे सितारे!

Posted By: Himmat Jaithwar
4/3/2021

इंदौर। हवलदार से सहायक उप निरीक्षक (एएसआइ) के रूप में पदोन्नति विवादों में पड़ गई है। वरिष्ठ हवलदारों ने अधिकारियों पर गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज करवाई है। यह भी आरोप लगाया कि नियमों की अनदेखी कर कनिष्ठों को एएसआइ बना सितारे बांट दिए। कुछ हवलदारों ने गृह विभाग में शिकायत पहुंचाई है। आरोप है कि रेंज में ही दोहरे मापदंडों से पदोन्नति दी गई है।

पुलिस रेगुलेशन एक्ट में बदलाव के बाद जिले में 223 हवलदारों को एएसआइ बनाया गया है। आरोप है कि चयन समिति ने नियमों को अनदेखी कर सूची बनाई है। समिति ने सिपाही से हवलदार बनने की तिथि देखी। दोनों तिथि समान होने पर जन्मतिथि देखी और वरिष्ठता निर्धारित कर एएसआइ के पद पर पदोन्नत कर दिया।

वहीं ग्रामीण डीआइजी चंद्रशेखर सोलंकी ने सिपाही से हवलदार बनने की तिथि देखी। दोनों तिथि समान होने पर आमद दिनांक देखी। आमद दिनांक समान होने पर भर्ती दिनांक का परीक्षण किया। भर्ती तिथि भी एक हुई तो जन्मतिथि से वरिष्ठता का आकलन किया। नाराज हवलदारों का आरोप है कि जिले और ग्रामीण क्षेत्र में अलग-अलग नियमों से पदोन्नति दी गई और दोनों का अनुमोदन आइजी द्वारा किया गया।

ऐसे समझें लाभ-हानि का गणित
मान लीजिए कि ए और बी को हवलदार से एएसआइ बनाया जाना है और जिले में एक ही व्यक्ति की जगह खाली है। ऐसे में सबसे पहले यह देखा जाएगा कि दोनों सिपाही से कब हवलदार बने? अगर दोनों एक ही साथ हवलदार बने तो फिर उनकी आमद दिनांक से वरिष्ठता का अनुमान लगाया जाएगा। यदि आमद भी साथ-साथ हुई तो यह देखा जाएगा कि ए और बी पुलिस विभाग में कब भर्ती हुए हैं? यदि उनकी भर्ती भी समान हुई तो जन्मतिथि के आधार पर वरिष्ठता दी जाएगी। कई बार जन्मतिथि भी समान होने पर शिक्षा के आधार पर वरिष्ठता तय की जाती है। यहां सिपाही से हवलदार बनने की दिनांक देखी गई। दोनों समान होने पर सीधे जन्मतिथि पर पहुंच गए। बीच के चरणों को छोड़ दिया गया। इससे 10 साल पुराने पुलिसकर्मी पीछे रह गए और कनिष्ठों के कंधों पर सितारे लग गए।

परीक्षण के बाद हुई पदोन्नति हवलदार से एएसआइ बने पुलिसकर्मियों का चयन समिति ने परीक्षण किया है। जीओपी के अनुसार ही पदोन्नाति हुई है। – मनीष कपूरिया, डीआइजी, इंदौर

परीक्षण करवाएंगे हवलदारों की शिकायत मिलने पर सूची का दोबारा परीक्षण करवाया जाएगा। चयन समिति द्वारा सौंपी सूची के आधार पर ही अनुमोदन हुआ था। – हरिनारायणाचारी मिश्र आइजी, इंदौर जोन



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