भोपाल: जो कांग्रेस भोपाल सांसद साध्वी प्रज्ञा द्वारा गोडसे को देशभक्त बताए जाने पर भारतीय जनता पार्टी पर हमलावर थी, उसने खुद एक गोडसे भक्त का पार्टी में स्वागत किया है. मध्य प्रदेश कांग्रेस ने बुधवार को ''गोडसे भक्त'' बाबूलाल चौरसिया को पार्टी में शामिल किया. पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने बाबूलाल को कांग्रेस की सदस्यता दिलाई. वह हिंदू महासभा से ग्वालियर नगर निगम वार्ड-44 के पार्षद हैं.
बाबूलाल चौरसिया पहले भी कांग्रेसी थे. बीते चुनाव में टिकट नहीं मिलने पर उन्होंने बगावत कर हिंदू महासभा से पार्षदी का चुनाव लड़ा था और वार्ड 44 से जीत भी हासिल की थी. उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी शम्मी शर्मा को हराया था. आपको बता दें कि बाबूलाल चौरसिया बड़े गोडसे भक्त हैं. उन्होंने महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे का मंदिर बनाने की मांग की थी.
साल 2019 में हिंदू महासभा ने ग्वालियर में 'नाथूराम गोडसे का 70वां बलिदान दिवस' मनाया था. तब इस संगठन ने जिला कलेक्टर को एक ज्ञापन सौंपकर साल 2017 में सीज की गई गोडसे की प्रतिमा लौटाने की मांग की थी. हिंदू महासभा के ज्ञापन में यह भी मांग की गई थी कि नाथूराम गोडसे के अंतिम बयान को स्कूल पाठ्यक्रम में शामिल किया जाए. बाबूलाल चौरसिया इस पूरे इवेंट में शामिल थे. साथ ही उन्होंने कसम खाई थी कि कोर्ट में दिए गए गोडसे के आखिरी बयान को वह एक लाख लोगों तक पहुंचाएंगे.
इस साल जनवरी में ग्वालियर में हिंदू महासभा ने नाथूराम गोडसे के नाम पर एक लाइब्रेरी की स्थापना की थी. इस पर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भारतीय जनता पार्टी और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर जमकर निशाना साधा था. उन्होंने एक ट्वीट में लिखा था, ''शिवराज सरकार में महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे की पूजा भी की जा सकती है. पहले आरती का आयोजन, फिर महिमामंडन, अब गोडसे ग्यानशाला. ग्वालियर में राष्ट्रपिता की एक बार फिर हत्या की गई.''
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तब कमलनाथ ने भाजपा से पूछा था कि उसे अपनी विचारधारा साफ करनी चाहिए. मुख्यमंत्री और बीजेपी को साफ करना चाहिए कि उनकी विचारधारा कौन सी है? यदि भाजपा गांधी की विचारधारा फॉलो करती है तो उसे तत्काल इस तरह की गतिविधियों को रोकना चाहिए. अब कांग्रेस और कमलनाथ ने उसी बाबूलाल चौरसिया का पार्टी में स्वागत किया है, जो ग्वालियर में महात्मा गांधी के हत्यारे गोडसे को महिमामंडित करने वाली गतिविधियों में पूर्व में शामिल रहे हैं.