जबलपुर। दो सूत्रीय मांग को लेकर जबलपुर सहित पूरे प्रदेश की बसें शुक्रवार को ठप रहेंगी। जबलपुर से संचालित लगभग 650 बसों के पहिए कल नहीं डोलेंगे। इसकी वजह से इन बसों में रोजाना सफर करने वाले 50 हजार के लगभग यात्री परेशान होंगे। बस ऑपरेटरों ने किराए में 50 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी और पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के अंदर लाने की मांग रखी है।
जानकारी के अनुसार आईएसबीटी से 400 और शहर के दूसरे हिस्सों से लगभग 250 बसों का संचालन मंडल, डिंडोरी, सिवनी, बालाघाट, नरसिंहपुर, भोपाल, कटनी, सतना, सीधी, मैहर, रीवा, उमरिया, अमरकंटक, नागपुर, छिंदवाड़ा और लोकल में संचालित होती हैं। इन बसों में कई एक फेरा तो कई दो से तीन फेरा की परमिट पर संचालित हैं। 32 से 50 सीट की इन बसों में औसतन रोज 50 से 55 हजार यात्री सफर करते हैं।
कल नहीं चलेगी एक भी बस।
सुबह पांच बजे से ठप होगा संचालन
आईएसबीटी बस ऑपरेटर एसाेसिएशन के अध्यक्ष पिंटू तिवारी व कोषाध्यक्ष नसीम बेग के मुताबिक बसों का संचालन पूरे प्रदेश में एक साथ शुक्रवार सुबह पांच बजे से शनिवार सुबह पांच बजे के लिए ठप होगा। उनकी दो सूत्रीय मांग है कि बस के किराए में 50 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी की जाए। वहीं डीजल-पेट्रोल को जीएसटी के दायरे में लाया जाए। इससे डीजल-पेट्रोल की कीमत में 25 से 30 रुपए की कमी आ जाएगी।
चार साल से नहीं बढ़ाया किराया
बस ऑपरेटरों के मुताबिक सितंबर 2017 में बसों का किराया 20 प्रतिशत बढ़ाया गया था। तब बस ऑपरेटरों को आश्वस्त किया गया था कि 15 प्रतिशत किराया बाद में बढ़ा दिया जाएगा। उस समय डीजल की कीमत 58 रुपए थी, जो अब 90 रुपए के लगभग पहुंच चुका है। राज्य सरकार की किराया समिति ने न तो 15 प्रतिशत किराया बाद में बढ़ाया और न ही चार साल से 10 प्रतिशत की दर से होने वाली बढ़ोत्तरी को ही लागू किया। इस कारण बस ऑपरेटरों ने 50 प्रतिशत किराया बढ़ाने की मांग की है।
स्पेयर पार्ट्स से लेकर मेंटीनेंस तक बढ़ गया
कोषाध्यक्ष नसीम बेग और सचिव वीरेंद्र साहू के मुताबिक बसों के स्पेयर पार्ट्स से लेकर मेंटीनेंस तक बढ़ चुका है। टायर की कीमत बढ़ चुकी है। कोरोना में चार महीने तक बसें ठप रहीं। बावजूद सभी को टैक्स में छूट नहीं मिला। पैसेंजर ट्रेनों का संचालन नहीं होने से यात्री भी कम हुए हैं। कई बस ऑपरेटरों को अपनी बसें खड़ी कर देना पड़ा है। बस ऑपरेटरों की मांग नहीं सुनी गई तो बसों का संचालन मुश्किल हो जाएगा। सीधी बस एक्सीडेंट के बाद परिवहन विभाग अलग से परेशान कर रहा है। ओवरलोड बसों पर कार्रवाई तक तो ठीक है, लेकिन इसकी आड़ में शोषण बंद होना चाहिए।
डेढ़ रुपए प्रति किमी हो जाएगा दर
अभी बस ऑपरेटर एक रुपए प्रति किमी की दर से किराया वसूल रहे हैं। 50 प्रतिशत बढ़ोत्तरी होने पर डेढ़ रुपए प्रति किमी की दर हो जाएगी। जबलपुर से कटनी का किराया अभी 100 रुपए है। मांग पूरी हुई तो किराया 50 रुपए हो जाएगा। रेलवे द्वारा पैसेंजर ट्रेनों का संचालन बंद करने से यात्रियों के सामने कोई और विकल्प नहीं रहेगा।