भोपाल: मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार ने कोरोनाकाल में प्रदेशवासियों को त्रिकुट काढ़ा बांटने का विधानससभा में जो आंकड़ा प्रस्तुत किया है, उस पर बवाल मच गया है. इसको लेकर कांग्रेस प्रदेश सरकार पर हमलावर हो गई है. कांग्रेस विधायक कुणाल चौधरी ने शिवराज सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि पीएम मोदी ने कहा था कि आपदा में अवसर तलाशों, जिसका पूरा फायदा उठाते हुए राज्य सरकार ने काढ़ा बांटने में भ्रष्टाचार किया है और प्रदेश की जनता को 30 करोड़ 64 लाख 48 हजार 308 रुपए का काढ़ा बांट दिया.
बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कांग्रेस विधायक कुणाल चौधरी ने कहा कि काढ़ा आम जनता को तो नहीं मिला, पर काढ़े के नाम पर सिर्फ बीजेपी और सरकार में बैठे नेताओं को जरूर फायदा हुआ है. राज्य सरकार पर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि काढ़े के नाम पर शिवराज सरकार ने बड़ा स्कैम किया है. सच्चाई सामने लाने के लिए इसकी जांच की जानी चाहिए.
वहीं, इस मामले को लेकर शिवराज सरकार में कैबिनेट मंत्री विश्वास सारंग ने सरकार का बचाव किया है. उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने लोगों की जान बचाने के लिए काढ़ा बांटा है. कांग्रेस की तरह आइफा पर ठुमके लगाने के लिए पैसा नहीं खर्च किया गया है. इसलिए कांग्रेस हमकों ज्ञान न दें! सरकार को जनता की चिंता थी, इसलिए काढ़ा बांटा गया था.
क्या है पूरा मामला?
मध्य प्रदेश विधानसभा बजट सत्र के दूसरे दिन कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी ने आयुष मंत्री रामकिशोर कावरे से काढा बांटने को लेकर सवाल पूछा था. जिस पर लिखित जवाब देते हुए आयुष मंत्री रामकिशोर कावरे ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा कोरोना काल में प्रदेशवासियों को 30करोड़ 64 लाख 48 हजार 308 रुपए काढ़ा बांटा गया था.