भोपाल। राजधानी के फैमिली काेर्ट में भरण-पाेषण का एक ऐसा मामला पहुंचा, जिसमें एक महिला ने अपने 8 साल से लापता पति को खोज निकाला, लेकिन पता चला कि पति ने भाेपाल आकर दूसरी शादी कर ली। इसके बाद पहली पत्नी ने फैमिली काेर्ट में भरण-पाेषण का प्रकरण लगाया।
इस मामले में दाेनाें पत्नियाें और पति को काउंसलिंग के लिए बुलाया गया। इसमें पति ने बताया कि उसे साथ काम करने वाले दोस्त की बहन से प्यार हो गया था, जिसके बाद दोनों ने भाेपाल आकर शादी कर ली थी। किसी को अपने बारे में नहीं बताया था। यह मामला प्रधान न्यायाधीश आरएन चंद की काेर्ट में विचाराधीन है। मामले की काउंसलिंग काउंसलर शैल अवस्थी ने की।
यह है मामला... पति को काम के दौरान हुआ प्यार और अक्टूबर 2013 में दोनों ने कर ली शादी
काउंसलिंग में सामने आया कि महिला की शादी 2008 में हुई थी। दंपती के 4 बच्चे हैं। महिला का पति ट्रांसपाेर्ट कंपनी में काम करता था। काम के दाैरान उसे अपने दोस्त की बहन से प्यार हाे गया। इसके बाद अक्टूबर 2013 में भाेपाल आकर दोनों ने शादी कर ली। दाेनाें ने अपना पता किसी काे नहीं बताया। इस दाैरान दूसरी पत्नी से भी दाे बच्चे हुए। पहली पत्नी आगरा में अपने 4 बच्चाें का किसी तरह पालन पाेषण कर रही थी। एक दिन उसे रिश्तेदार से पता चला कि उसका पति भाेपाल में रहता है।
रिश्तेदार के बताए पते पर पहुंची महिला
महिला 12 साल के बेटे के साथ भोपाल आई। वह रिश्तेदार के बताए पते पर गई तो पता चला कि पति 4 साल पहले मकान खाली करके चला गया है। आसपास के लोगों ने पूछने पर बताया कि वह करोंद में रह रहा है। इसके बाद महिला बच्चों को लेकर भोपाल रहने आ गई। पति द्वारा भरण-पोषण की राशि नहीं देने पर उसने कोर्ट में केस लगाया।
मेरी और बच्चों की भी जिम्मेदारी उठाए
महिला का कहना है कि जो हो गया है उसके बारे में वह कोई प्रकरण दर्ज नहीं करना चाहती। उसका पति दूसरी पत्नी के साथ रहे, लेकिन उसकी भी जिम्मेदारी उठाए। पति अपनी कमाई का ज्यादा हिस्सा दूसरी पत्नी को देता है। उसका कहना है कि उसे बच्चों के पालन पोषण के लिए 40 हजार रुपए हर माह दिलाया जाए।
...और हो गया समझौता
पहली पत्नी को 40 हजार रुपए हर महीने देने को तैयार हुआ पति
काउंसलिंग के दाैरान पति और दूसरी पत्नी को समझाया कि उन्होंने जो गलती की है, उसकी कोई माफी नहीं है। पहली पत्नी का बड़प्पन है कि वह दोनों की शादी को स्वीकार कर रही है। उसने पुलिस में कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई। वह केवल बच्चों के भरण-पोषण की राशि मांग रही है। इसके बाद पति और दाेनों पत्नियाें के बीच समझाैता हाे गया है। पति अपनी पहली पत्नी काे 40 हजार रुपए हर माह देने के लिए तैयार हाे गया है।