भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट ने कवि-कार्यकर्ता वरवर राव (81) को बेल दे दी। राव को उनकी खराब सेहत की वजह से जमानत दी गई है। साथ ही कोर्ट ने शर्त रखी है कि राव को अगले 6 महीने तक मुंबई NIA के अधिकार क्षेत्र में ही रहना होगा और जांच के लिए बुलाने पर उपलब्ध होना होगा। अदालत ने उन्हें 50,000 रुपए का पर्सनल बॉन्ड भरने के लिए कहा है। भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में राव अगस्त 2018 में पहली बार गिरफ्तार किए गए थे।
वरवर नवी मुंबई की तलोजा जेल में न्यायिक हिरासत में थे। कुछ दिन पहले तबीयत खराब होने के बाद उन्हें मुंबई के नानावटी हॉस्पिटल में एडमिट करवाया गया था। इसके बाद उनकी ओर से मेडिकल ग्राउंड पर जमानत याचिका दायर की गई थी।
हालांकि, तबीयत में सुधार के बाद राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने उनकी इस याचिका को खारिज करने का अनुरोध कोर्ट से किया था। एजेंसी ने कहा था कि उनकी (राव की) वर्तमान हालत स्थिर है। NIA की ओर से पेश एडिशनल सॉलिसिटर जनरल अनिल सिंह ने अदालत को नानावती अस्पताल से इस महीने की शुरुआत में मिली राव की मेडिकल रिपोर्ट्स के बारे में याद दिलाया था। रिपोर्ट्स के मुताबिक, उनकी हालत स्थिर है और उन्हें अस्पताल से छुट्टी दी जा सकती है।
राव से जुड़ी 3 याचिकाओं पर सुनवाई
हाईकोर्ट राव से जुड़ी तीन याचिकाओं की सुनवाई कर रहा था। एक याचिका में राव का पूर्ण मेडिकल रिकॉर्ड देने का अनुरोध किया गया है। दूसरी राव द्वारा चिकित्सा आधार पर जमानत याचिका दाखिल की गई। तीसरी, राव की पत्नी हेमलता ने दाखिल की, जिसमें चिकित्सा देखभाल की कमी के कारण मौलिक अधिकारों के उल्लंघन का आरोप लगाया गया है।
राव के वकील ने कोरोना संक्रमण का दिया था हवाला
वरवर राव के वकील और वरिष्ठ अधिवक्ता आनंद ग्रोवर ने दलील दी थी कि जेजे अस्पताल या किसी अन्य अस्पताल में संक्रमण की आशंका है और बीमार राव को वहां नहीं भेजा जाना चाहिए। इसके बाद हाईकोर्ट ने नानावती अस्पताल को राव की स्वास्थ्य स्थिति को लेकर एक नई चिकित्सा रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए। रिपोर्ट मिलने के बाद ही राव को जमानत दी गई।
इस मामले में हुई है राव की गिरफ्तारी
मामला 31 दिसंबर 2017 को पुणे में हुए एल्गार परिषद के सम्मेलन में कथित भड़काऊ भाषणों से जुड़ा है। पुलिस का दावा है कि अगले दिन भीमा कोरेगांव युद्ध स्मारक के निकट हिंसा भड़क गई थी। पुलिस का दावा है कि यह सम्मेलन उन लोगों द्वारा आयोजित किया गया था, जिनके कथित तौर पर नक्सलियों से संबंध हैं।
कौन हैं वरवर राव?
वरवर राव कवि और लेखक हैं। भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में अगस्त 2018 में पहली बार उन्हें गिरफ्तार किया गया था। राव 1957 से कविताएं लिख रहे हैं। उन्हें इमरजेंसी के दौरान अक्टूबर 1973 में आंतरिक सुरक्षा रखरखाव कानून (मीसा) के तहत गिरफ्तार किया गया था।
1986 के रामनगर साजिश कांड समेत कई अलग-अलग मामलों में उन्हें एक से ज्यादा बार गिरफ्तार और फिर रिहा किया गया। 2003 में उन्हें साजिश कांड में बरी किया गया और 2005 में फिर जेल भेज दिया गया था। उन्हें नक्सलियों का समर्थक माना जाता है। राव पर नक्सलवाद को बढ़ावा देने का आरोप कई बार लग चुके हैं।