नई दिल्ली: दिल्ली में किसान आंदोलन के दौरान हुई हिंसा और भारत को बदनाम करने की साजिश के तहत बनाई गई टूलकिट (Toolkit) को लेकर रोज नए खुलासे हो रहे हैं. दिल्ली पुलिस ने अब ग्रेटा थनबर्ग के सहयोगी और टूलकिट साजिश से जुड़े हर चेहरे को बेनकाब कर दिया है. पुलिस जांच में जो तथ्य सामने आए उनके मुताबिक निकिता जोसेफ (Nikita Joseph) भी टूलकिट की एक एडिटर है. साथ ही निकिता, दिशा रवि (Disha Ravi) और शांतनु ने साथ मिलकर टूलकिट डॉक्युमेंट बनाया था.
दिल्ली पुलिस के सूत्रों के मुताबिक निकिता का टूलकिट की साजिश में बड़ा रोल है. पुलिस का कहना है कि वह लगातार इस साजिश से जुड़ी हुई थी.पुलिस ने बताया कि सभी आरोपियों ने इसके लिए कोडिंग भी कर रखी थी और टूलकिट को आपस मे 'Comms Pack Communication package ' के नाम से बुलाते थे. पुलिस इस पूरी साजिश का पर्दाफाश करने में जुटी है और करीब 115-120 GB डेटा की जांच कर रही है.
पुलिस का कहना है कि निकिता जैकब ही दिशा रवि को टूलकिट वाली साजिश में अपने साथ लेकर आई थी. इसकी वजह रही कि दिशा रवि का नाम काफी बड़ा है और वह ग्रेटा थनबर्ग की करीबी भी है. दिल्ली पुलिस के सूत्रों के मुताबिक निकिता प्रोपोगंडा फैलाना के लिए ग्रेटा के नाम का इस्तेमाल करना चाहती थी.
निकिता के घर 11 फरवरी को जब दिल्ली पुलिस ने सर्च ऑपरेशन किया तो उनके इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस से काफी डेटा रिकवर हुआ था. इस डेटा में वॉट्सएप चैट, ईमेल शामिल है. इसके अलावा आरोपी सिग्नल एप, टेलीग्राम, प्रोटोन वीएम, सॉयबर घोस्ट जैसे कई प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल आपस में बातचीत के लिए किया करते थे.
इन दो लोगों की तलाश
पुलिस के सूत्रों ने बताया कि निकिता पोइटिक जस्टिस फाउंडेशन के ईमेल भी इस्तेमाल कर रही थी. इसके अलावा शुभम और थिलक दो ऐसे नाम हैं जो दिल्ली पुलिस के रडार पर हैं, क्योंकि ये दोनों भी उस वॉट्सएप ग्रुप का हिस्सा थे. पुलिस ने निकिता और पीटर फ्रेडरिक के वॉट्सएप चैट भी रिकवर किए हैं. बातचीत में दोनों सिक्योर एप के बारे में आपस में बातचीत कर रहे हैं कि कौन सा एप सिक्योर है, जिसके जरिये बातचीत की जा सकती है.
पुलिस जांच में हुआ ये खुलासा
अब तक की जांच में सामने आया कि PJF के फाउंडर मो धालीवाल ने अपने कनाडा में रहने वाले साथी पुनीत की मदद से अपना प्लान बनाया और 11 जनवरी को धालीवाल ने जूम मीटिंग की. इस मीटिंग में दिशा, निकिता, शांतनु भी शामिल थे. मीटिंग में तय किया गया कि इस आंदोलन को और बड़ा बनाना है. इन सभी ने टूलकिट डाक्यूमेंट्स बनाया और फिर दिशा रवि ने इस टूलकिट को ग्रेटा के पास भेजा था. कनाडा में रहने वाली पुनीत नाम की एक महिला ने इन लोगों को प्रो-खालिस्तानी संगठन पोएट्री जस्टिस फाउंडेशन से जोड़ा था.