उत्तराखंड के चमोली में जोशी मठ के पास रविवार को एक ग्लेशियर टूट गया। इस घटना से धौलीगंगा नदी का जल स्तर अचानक बढ़ गया। यहां लगे पावर प्रोजेक्ट के 150 मजदूर लापता हैं। नदी के किनारे बसे कई घरों को नुकसान पहुंचा है। धौलीगंगा के किनारे बसे गांवों को खाली करवाया जा रहा है। इस आपदा में ऋषि गंगा पावर प्रोजेक्ट और एनटीपीसी के प्रोजेक्ट को नुकसान पहुंचा है। तपोवन बैराज भी क्षतिग्रस्त हो गया है। ये दूरदराज के इलाके हैं। इसके अलावा अलकनंदा, श्रीनगर डैम और ऋषिकेश डैम पर भी ग्लेशियर टूटने का असर पड़ा है।
उत्तराखंड में आपदा के अपडेट्स...
- उत्तर प्रदेश में भी हाई अलर्ट। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गंगा किनारे बसे सभी जिलों में नदी के जलस्तर पर नजर बनाए रखने के निर्देश दिए।
- ITBP के 200 से ज्यादा जवान, SDRF की 10 और NDRF की टीमें रेस्क्यू काम में जुटी हुई हैं। कुछ और टीमें एयरफोर्स के हेलिकॉप्टर से पहुंच रही हैं। ऋषि गंगा पॉवर प्रोजेक्ट को भी इस आपदा में काफी नुकसान पहुंचा है।
- सरकार ने हेल्पलाइन नंबर 1070 और 9557444486 जारी किए हैं। सरकार ने अपील की है कि इस घटना के बारे में पुराने वीडियो सर्कुलेट कर अफवाह न फैलाएं।
- हरिद्वार में कुंभ मेला चल रहा है। इसलिए राज्य सरकार ने यहां भी हाई अलर्ट जारी कर दिया है।
- मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने जनता से अफवाहों पर ध्यान नहीं देने की अपील की है। वो खुद चमोली रवाना हो चुके हैं।
- एहतियातन भागीरथी नदी का पानी रोक दिया गया है।
जून 2013 में आई आपदा में 4 हजार से ज्यादा की जान गई थी
16-17 जून 2013 को बादल फटने से रुद्रप्रयाग, चमोली, उत्तरकाशी, बागेश्वर, अल्मोड़ा, पिथौरागढ़ जिलों में भारी तबाही मचाई। इस आपदा में 4,400 से अधिक लोग मारे गए या लापता हो गए। 4,200 से ज्यादा गांवों का संपर्क टूट गया। इनमें 991 स्थानीय लोग अलग-अलग जगह पर मारे गए। 11,091 से ज्यादा मवेशी बाढ़ में बह गए या मलबे में दबकर मर गए। ग्रामीणों की 1,309 हेक्टेयर भूमि बाढ़ में बह गई। 2,141 भवनों का नामों-निशान मिट गया। 100 से ज्यादा बड़े व छोटे होटल ध्वस्त हो गए। आपदा में नौ नेशनल हाई-वे, 35 स्टेट हाई-वे और 2385 सड़कें 86 मोटर पुल, 172 बड़े और छोटे पुल बह गए या क्षतिग्रस्त हो गए थे।