योगेंद्र यादव समेत 20 किसान नेताओं को नोटिस, 3 दिन में बताएं- क्यों न कानूनी कार्रवाई की जाए

Posted By: Himmat Jaithwar
1/28/2021

नई दिल्ली। 26 जनवरी को दिल्ली में किसानों की ट्रैक्टर रैली में हुई हिंसा के बाद दिल्ली पुलिस बुधवार सुबह से ही एक्शन में है। पहले 37 किसान नेताओं को रैली की शर्तें तोड़ने का आरोपी बनाते हुए उनके खिलाफ FIR दर्ज की। फिर देर रात 20 किसान नेताओं को नोटिस जारी कर पूछा कि क्यों न आपके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए, 3 दिन में इसका जवाब दें।

जिन नेताओं को नोटिस दिए गए हैं उनमें से 4 के नाम अभी तक सामने आए हैं। ये नेता हैं योगेंद्र यादव, दर्शन पाल, बलदेव सिंह सिरसा और बलबीर सिंह राजेवाल। पुलिस ने जो नोटिस भेजा है उसमें यह भी कहा है कि गणतंत्र दिवस पर लाल किले में तोड़फोड़ करना एक देश विरोधी हरकत है।

कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन का आज 64वां दिन है। टीकरी बॉर्डर पर किसानों का प्रदर्शन जारी है। दूसरी तरफ सुरक्षाबल भी तैनात हैं।
कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन का आज 64वां दिन है। टीकरी बॉर्डर पर किसानों का प्रदर्शन जारी है। दूसरी तरफ सुरक्षाबल भी तैनात हैं।

हिंसा में घायल पुलिसकर्मियों से मिलेंगे अमित शाह
मंगलवार को हुए उपद्रव में दिल्ली पुलिस के 300 से ज्यादा जवान घायल हो गए। इनमें से कई अब भी अस्पताल में भर्ती हैं। इनमें से कुछ जवानों का हाल जानने के लिए गृह मंत्री अमित शाह आज 2 अस्पतालों का दौरा करेंगे। वे किन-किन अस्पतालों में जाएंगे और कितने बजे जाएंगे, यह अभी साफ नहीं हो पाया है।

टिकैत का धमकी भरा लहजा
ट्रैक्टर रैली में हिंसा को लेकर भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत के खिलाफ FIR हो चुकी है। लेकिन, उनके तेवर नहीं बदले हैं। टिकैत ने अब सरकार को धमकी भरे लहजे में चेतावनी दी है। क्योंकि, गाजीपुर बॉर्डर पर बुधवार रात 8 बजे बिजली काटने से टिकैत गुस्सा हो गए।

टिकैत ने कहा कि 'सरकार दहशत फैलाने का काम कर रही है। इस तरह की कोई भी हरकत पुलिस-प्रशासन न करे। अगर इस तरह की हरकत करेगा तो सारे बॉर्डर वहीं हैं। ठीक है...और वे किसान जो गांवों में हैं वहां पर उनको बता देंगे। फिर अगर कोई दिक्कत होती है तो वहां के जो लोकल के थाने हैं, किसान वहां पर जाएंगे। ये सरकार पूरी तरह ध्यान रख ले। इस तरह की कोई भी हरकत वहां होगी तो पूरी जिम्मेदारी सरकारों की होगी।'

बागपत में पुलिस ने देर रात किसानों को हटाया, लाठीचार्ज की सूचना
दिल्ली पुलिस के साथ ही बुधवार को UP पुलिस भी एक्शन में दिखी। उनसे दिल्ली-सहारनपुर हाइवे पर UP के बागपत जिले के बड़ौत में धरने पर बैठे किसानों को आधी रात को हटा दिया। यहां 40 दिन किसान धरने पर बैठे थे।

खबर तो लाठीचार्ज होने और आंदोलन की कमान संभाल रहे ब्रजपाल सिंह की गिरफ्तारी की भी आई। हालांकि, इन दोनों बातों की पुष्टि नहीं हुई है। उधर, पुलिस की कार्रवाई के बाद बड़ौत के किसान आगे की स्ट्रैटजी बनाने के लिए गुरुवार को पंचायत करेंगे।


दिल्ली हिंसा के बाद बिखरा किसान आंदोलन
दिल्ली की सीमाओं पर 2 महीने से शांतिपूर्ण तरीके से चल रहा किसान आंदोलन मंगलवार की हिंसा के बाद बिखरता नजर आ रहा है। एक तरफ पुलिस उपद्रवियों और किसान नेताओं की घेराबंदी करने में जुटी है, तो दूसरी तरफ किसान संगठनों में फूट भी जगजाहिर हो गई। बुधवार शाम 4 बजे राष्ट्रीय मजदूर किसान संगठन और भारतीय किसान यूनियन (भानु) ने अचानक ऐलान कर दिया कि वे आंदोलन से अलग हो रहे हैं।

इसके डेढ़ घंटे बाद ही खबर आ गई कि भानु गुट के किसानों ने चिल्ला बॉर्डर पर अपने टेंट हटाकर घर लौटने की तैयारी कर रहे हैं। इसके अलावा किसान संगठनों ने एक फरवरी का संसद मार्च टालने का ऐलान भी कर दिया।


लाल किले पर धार्मिक झंडा लगाने वाले की पहचान हुई
किसानों की ट्रैक्टर रैली में हुए बवाल में सबसे ज्यादा चर्चा लाल किले की घटना की हो रही है। क्योंकि, रैली में शामिल प्रदर्शनकारी पुलिस का दिया रूट फॉलो न कर लाल किले पर पहुंच गए थे। वहां उन्होंने जमकर उत्पात मचाया और किले की प्राचीर पर धार्मिक झंडा भी लगा दिया। झंडा लगाने वाले एक युवक की अब पहचान हो गई है। वह पंजाब के तरनतारन के वां-तारा सिंह गांव का रहने वाला है, उसका नाम जुगराज सिंह (22) है। उसके दादा महल सिंह ने कहा है कि जुगराज 24 जनवरी को दिल्ली गया था। वह लाल किले पर कैसे पहुंचा और किसके कहने पर वहां केसरी झंडा चढ़ाया? यह उन्हें नहीं पता।

पुलिस ने लाल किला परिसर से डेढ़ घंटे में प्रदर्शनकारियों को बाहर निकाल दिया था, लेकिन एहतियात के तौर पर तीसरे दिन भी भारी सुरक्षाबल तैनात हैं।
पुलिस ने लाल किला परिसर से डेढ़ घंटे में प्रदर्शनकारियों को बाहर निकाल दिया था, लेकिन एहतियात के तौर पर तीसरे दिन भी भारी सुरक्षाबल तैनात हैं।



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