पूर्णिमा पर आमने-सामने होते हैं सूर्य-चंद्रमा, पूर्णा तिथि होने से इस दिन किए गए कामों का मिलता है पूरा फल

Posted By: Himmat Jaithwar
1/27/2021

धर्म ग्रंथों में पूर्णिमा को पर्व कहा गया है। स्कंद और भविष्योत्तर पुराण के मुताबिक, पौष पूर्णिमा पर किया गया किसी भी तरह का दान अक्षय पुण्य देने वाला होता है। यानी इस दिन किए गए शुभ कामों का फल लंबे समय तक मिलता है। इस बार ये पर्व 28 जनवरी, गुरुवार को है।

इस दिन सूर्य-चंद्रमा विशेष स्थिति में रहते हैं। इसके अलावा साल की हर पूर्णिमा पर विशेष व्रत या त्योहार मनाया जाता है। साथ ही इस तिथि पर तीर्थ-स्नान और भगवान विष्णु की विशेष पूजा की परंपरा भी है। धर्म ग्रंथों के जानकारों का कहना है कि ऐसा करने से हर तरह के पाप खत्म हो जाते हैं।

ज्योतिष में पूर्णिमा का महत्व
सूर्य से चन्द्रमा का अन्तर जब 169 से 180 तक होता है, तब पूर्णिमा तिथि होती है। इसके स्वामी स्वयं चन्द्र देव ही हैं। पूर्णिमान्त काल में सूर्य और चन्द्र एकदम आमने-सामने होते हैं। यानी इन दोनों ग्रहों की स्थिति से समसप्तक योग बनता है। पूर्णिमा का विशेष नाम सौम्या है। यह पूर्णा तिथि है। यानी पूर्णिमा पर किए गए शुभ काम का पूरा फल मिलता है। ज्योतिष ग्रंथों में पूर्णिमा तिथि की दिशा वायव्य बताई गई है।

हर महीने की पूर्णिमा पर होता है पर्व
हर महीने की पूर्णिमा पर कोई न कोई पर्व जरूर मनाया जाता है। इस दिन का भारतीय जनजीवन में अत्यधिक महत्त्व हैं। हर महीने की पूर्णिमा पर एक समय भोजन किया जाए और चंद्रमा या भगवान सत्यनारायण का व्रत करें तो हर तरह के सुख प्राप्त होते हैं। साथ ही समृद्धि और पद-प्रतिष्ठा भी मिलती है।

1. चैत्र पूर्णिमा: इस दिन उत्तर भारत के ज्यादातर हिस्सों में हनुमान जयन्ती मनाई जाती है।

2. वैशाख पूर्णिमा: इस दिन को बुद्ध पूर्णिमा के रूप में मनाया जाता है।

3. ज्येष्ठ पूर्णिमा: इस दिन अखंड सौभाग्य की कामना से वट सावित्री व्रत किया जाता है।

4. आषाढ़ पूर्णिमा: इस दिन गुरु पूर्णिमा पर्व होता है। साथ ही कबीरदास जयंती भी इस दिन मनाई जाती है।
5. श्रावण पूर्णिमा: इस दिन रक्षाबंधन पर्व मनाया जाता है।

6. भाद्रपद पूर्णिमा: अंखड सौभाग्य की कामना से इस दिन उमा माहेश्वर व्रत किया जाता है।

7. अश्विन पूर्णिमा: इस दिन शरद पूर्णिमा पर्व मनाया जाता है। साथ ही कोजागर व्रत भी इस दिन होता है।
8. कार्तिक पूर्णिमा: इस दिन को देव दिवाली कहा जाता है और गुरु नानक जयंती पर्व मनाया जाता है।

9. मार्गशीर्ष पूर्णिमा: इस दिन श्री दत्तात्रेय जयंती पर्व मनाया जाता है।

10. पौष पूर्णिमा: इस दिन शाकंभरी जयंती मनाई जाती है। इस दिन प्रयाग में त्रिवेणी संगम पर स्नान और दान के लिए भी ये दिन खास है।

11. माघ पूर्णिमा: इसे माघी पूर्णिमा कहते हैं। इस दिन संत रविदास, श्री ललिता और भैरव जयंती मनाई जाती है। इस दिन भी संगम पर स्नान करने का महत्त्व होता है।

12. फाल्गुन पूर्णिमा: इस दिन होलिका दहन पर्व मनाया जाता है।



Log In Your Account