किसान आज कानूनों की कॉपी जलाएंगे; हेमा मालिनी बोलीं- प्रदर्शनकारियों को तो मुद्दा ही पता नहीं

Posted By: Himmat Jaithwar
1/13/2021

नई दिल्ली। कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन का आज 49वां दिन है। प्रदर्शनकारी आज कृषि कानूनों की कॉपी जलाएंगे। इस बीच भाजपा सांसद हेमा मालिनी ने कहा है कि जो प्रदर्शन कर रहे हैं, उन्हें तो खुद पता नहीं कि वे क्या चाहते हैं और कृषि कानूनों में दिक्कत क्या है? इससे पता चलता है कि वे किसी के कहने पर प्रदर्शन कर रहे हैं।

हेमा मालिनी ने ये भी कहा कि कृषि कानूनों के अमल पर रोक लगना अच्छी बात है, इससे मामला शांत होने की उम्मीद है। किसान कई दौर की चर्चा के बाद भी मानने को तैयार नहीं हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने कमेटी बनाई
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को तीनों कृषि कानूनों के अमल पर रोक लगा दी। साथ ही बातचीत से मुद्दा सुलझाने के लिए 4 एक्सपर्ट की कमेटी बना दी, लेकिन किसानों का कहना है कि कानून वापसी तक आंदोलन खत्म नहीं करेंगे।

किसानों ने कमेटी को सरकारी बताया
किसान नेता राकेश टिकैत और डॉ. दर्शनपाल सिंह ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की तरफ से बनाई गई कमेटी के चारों सदस्य नए कृषि कानूनों का खुलेआम समर्थन करते रहे हैं। ये सरकारी लोग हैं। इसलिए आंदोलन खत्म नहीं होगा, बल्कि 26 जनवरी को राजपथ पर ट्रैक्टर परेड की तैयारियां और तेज की जाएंगी।

कमेटी 10 दिन में काम शुरू करेगी
कमेटी में भारतीय किसान संघ के अध्यक्ष भूपिंदर सिंह मान, अंतरराष्ट्रीय खाद्य नीति अनुसंधान संस्थान के डायरेक्टर डॉ. प्रमोद कुमार जोशी, कृषि अर्थशास्त्री अशोक गुलाटी और महाराष्ट्र के शेतकारी संगठन के अध्यक्ष अनिल घनवट हैं। चीफ जस्टिस एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली बेंच ने कमेटी को 10 दिन में काम शुरू करने के आदेश दिए हैं।

सरकार ने कहा- कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग पर भ्रम फैलाया जा रहा
इससे पहले सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट को बताया- 'कुछ लोग भ्रम फैला रहे हैं कि नए कानूनों से किसानों की जमीन छीन ली जाएगी। लेकिन, कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग में कॉन्ट्रैक्ट सिर्फ फसल का होगा, जमीन का नहीं। इस पर कोर्ट ने कहा कि सरकार और किसान, दोनों ही अपने पक्ष अब कमेटी के सामने रखें।



Log In Your Account