2021 में कमाई के स्केल पर ऊपर और नीचे रहने वालों का पलड़ा ज्यादा असंतुलित होगा। लेकिन अच्छी बात यह हो सकती है कि औरतों और मर्दों की कमाई में फर्क घटे। ऐसा देश की 61 पर्सेंट शहरी आबादी को लगता है और इस बात का पता एक सर्वे से चला है। 76 पर्सेंट शहरी मानते हैं कि इस साल दुनियाभर की अर्थव्यवस्था में मजबूती आएगी। 84 पर्सेंट शहर वाले मानते हैं कि इससे उनको भी फायदा होगा।
आधी शहरी आबादी को सता रहा है नई महामारी का डर
सर्वे कराने वाली कंपनी Ipsos इंडिया के सीईओ अमित आदरकर कहते हैं, '2020 परेशानी वाला साल रहा है। कोविड-19 के चलते नौकरियां गईं। इकनॉमी और लोगों की हेल्थ, दोनों को नुकसान हुआ। लेकिन, शहर वालों ने समस्याओं से लड़ने का खूब दम दिखाया।' कोविड-19 का टीका आ जाने से 2021 को लेकर उम्मीदें बढ़ी हैं। तीन चौथाई लोग मानते हैं कि इस साल कोविड-19 का टीका आसानी से मिलने लगेगा। लेकिन 43 पर्सेंट लोगों को नए वायरस से नई महामारी का कहर टूटने का डर सता रहा है।
10 में 6 शहरियों को ऑनलाइन शॉपिंग बढ़ने की उम्मीद
63 पर्सेंट भारतीयों को लगता है कि जिंदगी पटरी पर लौट आएगी। लगभग इतने ही पर्सेंट लोगों को लगता है कि कोविड-19 के चलते दुनिया बेहतर हो जाएगी। लगभग आधे शहरियों का मानना है कि दुनियाभर की इकनॉमी महामारी के असर से उबर जाएगी। महामारी के चलते लोगों की खरीदारी के तौर तरीकों में बदलाव आना तय है। 10 में से 6 शहरी कहते हैं कि अब दुकान पर जाना कम हो जाएगा और पहले से ज्यादा खरीदारी ऑनलाइन हुआ करेगी।
43 पर्सेंट शहरी जता रहे हैं मार्केट क्रैश हो जाने की आशंका
वर्क फ्रॉम होम के कल्चर को सपोर्ट मिलने से बड़े शहरों की तरफ पलायन कम हो जाएगा। लगभग 45 पर्सेंट लोगों को लगता है कि बड़े शहरों में रहने वालों की संख्या में कमी आएगी। जहां तक शेयर बाजार की बात है तो इसको लेकर शहर वालों को काफी उम्मीदें हैं। सिर्फ 43 पर्सेंट लोग ही मान रहे हैं कि तेजी के रिकॉर्ड बना रहा मार्केट इस साल क्रैश कर जाएगा।