नई दिल्ली। भगोड़ा हीरा कारोबारी नीरव मोदी पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) का शिकंजा लगातार कसता जा रहा है। इस कड़ी में सरकारी एजेंसी को और सफलता हाथ लगी है। अब नीरव मोदी की बहन पूर्वी मोदी और बहनोई मयंक मेहता दो मामलों में उसके खिलाफ ED का सहयोग करेंगे। स्पेशल कोर्ट ने सोमवार को पूर्वी मोदी के आवेदन को मंजूरी दे दी है।
मनी लॉन्ड्रिंग मामले में एजेंसी का मदद करेंगी नीरव की बहन
दोनों ने पिछले महीने ही कोर्ट से माफी मांगते हुए कहा था कि वे नीरव मोदी और उसके मामले से दूर रहना चाहते हैं। वे नीरव मोदी और उससे जुड़े जरूरी दस्तावेज भी उपलब्ध करा सकते हैं। स्पेशल जज वीसी बर्दे ने इनके माफी और आवेदन को इस शर्त पर मंजूरी दी है, कि दोनों को मामले से जुड़ी सही और पूरी जानकारी देनी होगी।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए उपस्थिति होंगी पूर्वी
आवेदन में कहा गया है कि कोविड-19 वायरस के चलते वे भारत नहीं आ सकते, लेकिन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मजिस्ट्रेट के सामने पेश होंगे। दोनों के आवेदन पर कोर्ट ने कहा कि, आरोपी फिलहाल विदेश में रह रही हैं। उसे अदालत के समक्ष उपस्थित होने का निर्देश दिया जाएगा। इसके लिये अभियोजन पक्ष जरूरी कदम उठाएगा।
ईडी का आरोप, लेनदेन में पूर्वी के नाम का इस्तेमाल
पूर्वी मेहता बेल्जियम और उनके पति मयंक मेहता ब्रिटिश नागरिक हैं। ईडी का आरोप है कि भारत और विदेशों में अलग-अलग संस्थाओं, बैंक अकाउंट और ट्रस्ट में पूर्वी के नाम का इस्तेमाल किया जाता रहा है। इसके चलते इंटरपोल ने पूर्वी के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया था। इसके अलावा ED ने न्यूयॉर्क और लंदन में उसकी संपत्तियों को अटैच किया था। हालांकि पिछले साल अक्टूबर में ED ने कहा था कि पूर्वी ने एजेंसी का सहयोग किया है।
2019 में नीरव मोदी भगोड़ा घोषित किया गया था
सरकारी जांच एजेंसियों के मुताबिक नीरव मोदी और मेहुल चोकसी ने कुछ बैंक अधिकारियों के साथ मिलकर गारंटी पत्र के जरिए पंजाब नेशनल बैंक के साथ 14 हजार करोड़ रुपए का फ्रॉड किया है। नीरव को 2019 में भगोड़ा घोषित कर दिया गया था।