नई दिल्ली: मोदी सरकार ने कोरोना वैक्सीनेशन की दिशा में एक और बड़ा कदम बढ़ा दिया है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने वैक्सीनेशन से जुड़ी ऑपरेशनल गाइडलाइंस जारी कर दी हैं. सभी राज्यों को 113 पेज का मैन्युअल भेज दिया गया है. इसमें वैक्सीन आने से पहले की तैयारियों, सबसे पहले टीकाकरण किसका होगा, इसे कौन लगाएगा और कैसे लगेगा इस बारे में विस्तार से बताया गया है. केंद्रीय गाइडलाइंस के मुताबिक टीकाकरण के लिए बूथों की स्थापना होगी, एक बूथ पर एक दिन में अधिकतम 100 लोगों को ही कोरोना का टीका लगाया जाएगा. पहले से चिन्हित लोगों को प्राथमिकता के आधार पर टीका लगाया जाएगा.
देश में कुल कितने कोराना वैक्सीनेशन बूथ स्थापित किए जाएंगे गाइडलाहंस में इस बारे में स्पष्टता नहीं है. इसके लिए केंद्र ने राज्यों से उनका सुझाव और योजना के बारे में जानकारी मांगी है. केंद्रीय स्वास्थ्य विभाग से जुड़े सूत्रों की मानें तो अगले 10 दिन में मोदी सरकार कुछ वैक्सीन कैंडिडेट्स को वैक्सीनेशन ड्राइव के लिए इमरजेंसी अप्रूवल दे सकती है. जनवरी के पहले सप्ताह तक देश में टीकाकरण शुरू हो जाने की उम्मीद है. इसकी मॉनिटरिंग केंद्र, राज्य, जिला और ब्लॉक लेवल पर होगी. कोरोना का टीका लगने के बाद किसी तरह की दिक्कत आने पर मौजूदा मॉनिटरिंग सिस्टम का ही इस्तेमाल किया जाएगा.
टीका सबसे पहले किसे लगेगा?
कोरोना का टीका सबसे पहले फ्रंट लाइन हेल्थ वर्कर्स को लगेगा, जो इस वायरस से संक्रमित लोगों के इलाज में लगे हुए हैं. फिर जिन्हें पहले से गंभीर बीमारियां हैं उन्हें टीका लगेगा. उसके बाद 50 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों की बारी आएगी, फिर 50 वर्ष से नीचे वालों का टीकाकरण होगा. इन सबके बाद वैक्सीन की उपलब्धता और कोरोना वायरस के फैलाव को देखते हुए टीकाकरण किया जाएगा.
लोगों की पहचान कैसे होगी?
हालिया लोकसभा और विधानसभा चुनाव के आंकड़ों की मदद से 50 से अधिक उम्र वालों की पहचान की जाएगी. कोविड वैक्सीन इंटेलिजेंस नेटवर्क (CO-VIN) डिजिटल प्लेटफॉर्म के जरिए इन चिन्हित लोगों को ट्रैक किया जाएगा. इस प्लेटफॉर्म के जरिए रियल टाइम मॉनिटरिंग की जा सकेगी कि चिन्हित लोगों में कितनों को वैक्सीन की डोज दे दी गई है और कितने बाकी हैं. पहले से चिन्हित लोगों का प्राथमिकता के आधार पर टीकाकरण होगा. ऑन-द-स्पॉट रजिस्ट्रेशन नहीं होगा.
टीकाकरण कैसे किया जाएगा?
इसके लिए पहले से तय समय और स्थान पर वैक्सीनेशन ड्राइव का आयोजन किया जाएगा. एक दिन में अधिकतम 100 लोगों को ही टीका लगेगा. फ्रंट लाइन हेल्थ वर्कर्स के लिए तय स्थान पर वैक्सीनेशन ड्राइव चलेगा. बाकी चिन्हितों के लिए उनके निवास वाले क्षेत्र में बूथ लगाकर या मोबाइल वैन के जरिए वैक्सीनेशन होगा. राज्य वैक्सीनेशन ड्राइव का समय और स्थान अपने हिसाब से तय कर सकेंगे.
पूरी प्रक्रिया की देखरेख कैसे?
राष्ट्रीय स्तर पर नेशनल एक्सपर्ट ग्रुप ऑन वैक्सीन एडमिनिस्ट्रेशन फॉर कोविड-19 (NEGVAC) का गठन किया गया है. नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) इसके चेयरपर्सन होंगे, को-चेयरपर्सन स्वास्थ्य सचिव होंगे. इसके अलावा विदेश मंत्रालय, बायो टेक्नॉल्जी विभाग, हेल्थ रिसर्च विभाग, फार्मा विभाग, सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सचिव, डीजीएचएस, एम्स दिल्ली के डायरेक्टर, एनएआरआई के डायरेक्टर, वित्त मंत्रालय व एनटीजीएआई के प्रतिनिधि व देश के सभी हिस्सों का प्रतिनिधित्व करने वाले 5 राज्यों के प्रतिनिधि इसके सदस्य होंगे.
वैक्सीनेशन ऑफिसर 1- यह डॉक्टर्स, नर्स, फार्मासिस्ट, एएनएम या लेडी हेल्थ विजिटर, कोई भी हो सकता है जिसे इंजेक्शन लगाने आता हो.
वैक्सीनेशन ऑफिसर 2- यह पुलिस, होमगार्ड, सिविल डिफेंस, एनसीसी, एनवाईके या एनएसएस को कोई सदस्य होगा जो एंट्री पॉइंट पर रजिस्ट्रेशन की जांच करेगा और तय करेगा कि प्राथमिकता के आधार पर चिन्हित व्यक्ति को ही टीका लगे.
वैक्सीनेशन ऑफिसर 3- यह व्यक्ति टीका लगवाने आए कैंडीडेट्स के कागजात की जांच कर आगे की कार्रवाई के लिए अप्रूवल देगा.
वैक्सीनेशन ऑफिसर 4/5- ये दो लोग सपोर्ट स्टाफ के तौर पर काम करेंगे. इन मुख्य काम भीड़ को नियंत्रित करना और वैक्सीनेटर को मदद करना होगा.