नई दिल्ली। कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन का आज 10वां और अहम दिन है। दोपहर 2 बजे किसानों की सरकार से बातचीत होनी है, लेकिन इससे पहले दो बड़े डेवलपमेंट हुए हैं। अचानक खबर आई कि किसानों को मनाने के लिए पहली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने मंत्रियों से चर्चा कर रहे हैं। मोदी के घर हो रही मीटिंग में गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और रेल मंत्री पीयूष गोयल मौजूद हैं। इस बैठक में शामिल होने से पहले कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह ने कहा, 'हमें पूरी उम्मीद है कि किसान सकारात्मक सोच रखते हुए आंदोलन खत्म करेंगे।'
किसान बोले- आज सिर्फ कानून रद्द करने की बात होगी
उधर, किसानों ने कहा है कि सरकार बार-बार तारीख दे रही है। ऐसे में सभी संगठनों ने फैसला लिया है कि आज बातचीत का आखिरी दिन है। किसान संयुक्त मोर्चा के प्रधान रामपाल सिंह ने कहा कि आज आर-पार की लड़ाई करके आएंगे, रोज-रोज बैठक नहीं होगी। आज बैठक में कोई और बात नहीं होगी, सिर्फ कानूनों को रद्द करने के लिए ही बात होगी।
8 दिसंबर को भारत बंद का अल्टीमेटम
इससे पहले शुक्रवार को किसानों ने कहा कि अगर तीनों कृषि कानून वापस नहीं लिए गए तो 8 दिसंबर को भारत बंद करेंगे। किसानों ने सभी टोल प्लाजा पर कब्जे की भी चेतावनी दी है।शुक्रवार को किसानों की मीटिंग के बाद उनके नेता हरविंदर सिंह लखवाल ने कहा- आने वाले दिनों में दिल्ली की बची हुई सड़कों को भी ब्लॉक करेंगे। किसान संगठन आज मोदी के पुतले भी जलाएंगे।
170 से ज्यादा किसान बीमार, कोरोना टेस्ट के लिए तैयार नहीं
टिकरी-कुंडली बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे 170 से ज्यादा किसान बुखार और खांसी से पीड़ित हैं। यहां लगे कैंपों में हजारों किसान दवा ले रहे हैं। अपील के बावजूद किसान कोरोना टेस्ट नहीं करवा रहे हैं। किसानों को समर्थन देने पहुंचे महम विधायक बलराज कुंडू कोरोना पॉजिटिव मिले। हरियाणा भाकियू के प्रवक्ता राकेश बैंस ने बताया- किसानों से अपील कर रहे हैं कि तबीयत खराब होते ही चेकअप करवा कर दवाई लें। जिन्हें बुखार है, वे कोरोना टेस्ट भी कराएं। करीब एक हजार किसान दवा ले चुके हैं।
केंद्र सुधारों पर राजी, किसान कानून वापसी पर अड़े
किसानों और केंद्र के बीच गुरुवार को चौथे दौर की बातचीत 7 घंटे चली। इसके बाद साफ हो गया था कि आंदोलन अभी थमेगा नहीं। क्रांतिकारी किसान यूनियन के लीडर दर्शनपाल ने कहा- केंद्र कानूनों में कुछ सुधार पर राजी है, पर हम नहीं। हमने उन्हें बता दिया है कि पूरे कानून में ही खामी है। लिहाजा, इन्हें वापस लिया जाए।
सरकार ने 7 घंटे में किसानों की 7 चिंताएं सुनीं, सिर्फ एक पर वादा किया
किसानों की चिंताएं |
सरकार का जवाब |
MSP यानी मिनिमम सपोर्ट प्राइस बंद तो नहीं हो जाएगी? |
MSP चल रही थी, चल रही है और आने वाले वक्त में भी चलती रहेगी। |
APMC यानी एग्रीकल्चर प्रोड्यूसर मार्केट कमेटी खत्म तो नहीं हो जाएगी? |
प्राइवेट मंडियां आएंगी, लेकिन हम APMC को भी मजबूत बनाएंगे। |
मंडी के बाहर ट्रेड के लिए PAN कार्ड तो कोई भी जुटा लेगा और उस पर टैक्स भी नहीं लगेगा। |
सरकार का वादा- ट्रेडर के रजिस्ट्रेशन को जरूरी करेंगे। |
मंडी के बाहर ट्रेड पर कोई टैक्स नहीं लगेगा? |
APMC मंडियों और प्राइवेट मंडियों में टैक्स एक जैसा बनाने पर विचार करेंगे। |
विवाद SDM की कोर्ट में न जाए, वह छोटी अदालत है। |
ऊपरी अदालत में जाने का हक देने पर विचार करेंगे। |
नए कानूनों से छोटे किसानों की जमीन बड़े लोग हथिया लेंगे। |
किसानों की सुरक्षा पूरी है। फिर भी शंकाएं हैं तो समाधान के लिए तैयार हैं। |
बिजली संशोधित बिल और पराली जलाने पर सजा पर भी हमारा विरोध है। |
सरकार विचार करने पर पूरी तरह राजी है। |
किसानों को हटाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में अर्जी
शुक्रवार को पिटीशनर ने अर्जी लगाकर कहा कि किसानों को दिल्ली की सीमाओं से तुरंत हटाने के निर्देश दिए जाएं, क्योंकि प्रदर्शनकारियों की वजह से कोरोना का खतरा बढ़ सकता है। पिटीशनर के वकील ओम प्रकाश परिहार ने यह जानकारी दी। हालांकि, इस अर्जी पर सुनवाई का दिन तय नहीं हुआ है।
किसानों के समर्थन में अवॉर्ड वापसी जारी
किसानों के सपोर्ट में अवॉर्ड वापसी का सिलसिला दूसरे दिन शुक्रवार को भी जारी रहा। लेखक डॉ. मोहनजीत, चिंतक डॉ. जसविंदर और पत्रकार स्वराजबीर ने अपने साहित्य अकादमी अवॉर्ड लौटा दिए। गुरुवार को पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने अपना पद्मविभूषण अवॉर्ड लौटा दिया था। उनके अलावा राज्यसभा सांसद सुखदेव सिंह ढींढसा ने पद्मभूषण वापस करने का ऐलान किया था। किसानों का कहना है कि 7 दिसंबर को खिलाड़ी भी अपने अवॉर्ड लौटाएंगे।