प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बार जैसलमेर में लोंगेवाला पोस्ट पर जवानों के साथ दिवाली मनाई। उनके साथ चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) बिपिन रावत और सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे भी मौजूद थे। 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद से मोदी उत्तराखंड, पंजाब, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में सैनिकों के साथ दिवाली मनाते रहे हैं।
जवानों को मोदी का संदेश
हमें अपने उन जांबाज सैनिकों को भी याद रखना है, जो इन त्योहारों पर भी सीमाओं पर डटे हैं। भारत माता की सेवा और सुरक्षा कर रहे हैं। हमें उनको याद करके ही अपने त्योहार मनाने हैं। हमें घर में एक दीया भारत माता के इन वीर बेटे-बेटियों के सम्मान में भी जलाना है। मैं अपने वीर जवानों से भी कहना चाहता हूं कि भले ही आप सीमा पर हैं, लेकिन पूरा देश आपके साथ है, आपके लिए कामना कर रहा है। मैं उन परिवारों को भी नमन करता हूं, जिनके बेटे-बेटियां आज सरहद पर हैं। हर वो व्यक्ति जो देश से जुड़ी किसी न किसी जिम्मेदारी की वजह से अपने घर पर नहीं है, अपने परिवार से दूर है, मैं हृदय से उनका आभार प्रकट करता हूं।
6 सालों में मोदी ने कहां मनाई दिवाली?
2019: मोदी जम्मू-कश्मीर के राजौरी में नियंत्रण रेखा (LoC) पर तैनात जवानों के साथ दिवाली मनाने के लिए राजौरी पहुंचे थे। कहा था- युद्ध हो या घुसपैठ हो, इस क्षेत्र को सबसे ज्यादा परेशानियों का सामना करना पड़ता है, लेकिन यह जगह हमेशा उन परेशानियों से निकल आती है। यह ऐसा क्षेत्र है, जिसने कभी हार नहीं देखी।
2018: प्रधानमंत्री दिवाली के मौके पर उत्तराखंड में केदारनाथ मंदिर के दर्शन के लिए गए थे। यहां उन्होंने चीन बॉर्डर के पास हरसिल गांव के केंट इलाके में भारतीय सशस्त्र बल और ITBP के जवानों से मुलाकात की थी। यहां कहा था- बर्फीले इलाके में आपका ड्यूटी के लिए समर्पण देश को मजबूती प्रदान करता है। आपके चलते ही सवा सौ करोड़ लोगों के सपने सुरक्षित हैं।
2017: इस साल मोदी ने दिवाली का जश्न जम्मू-कश्मीर के गुरेज सेक्टर में सैनिकों के साथ मनाया।
2016: मोदी ने हिमाचल प्रदेश से लगे चीन बॉर्डर के पास इंडो-तिब्बत बॉर्डर पुलिस (ITBP) के जवानों के साथ दिवाली मनाई।
2015: प्रधानमंत्री ने अमृतसर (पंजाब) बॉर्डर पर जवानों के साथ दिवाली मनाई थी।
2014: मोदी ने सियाचिन में जवानों के बीच दिवाली मनाई थी।
क्यों खास है लोंगेवाला पोस्ट?
4-7 दिसंबर 1971 में राजस्थान की लोंगेवाला पोस्ट पर भारत के 120 जवानों ने पाकिस्तान के 2 से 3 हजार सैनिकों को हराया था। पाकिस्तान की आर्टिलरी में 30-40 टैंक भी थे। भारत की जीत के हीरो मेजर कुलदीप सिंह चांदपुरी थे। 4 तारीख की रात को सेकंड लेफ्टिनेंट धरमवीर भान को पेट्रोलिंग के दौरान पाक टैंकों के भारतीय सीमा पर दाखिल होने की आवाज सुनी थी। जंग में भारत ने पाक के 34 टैंक धराशायी कर दिए। पाक 200 सैनिक मारे गए और 500 अन्य वाहन नेस्तनाबूत कर दिए गए। इस लड़ाई पर निर्माता-निर्देशक जेपी दत्ता ने ‘बॉर्डर’ बनाई थी। इसमें सनी देओल मेजर कुलदीप का रोल निभाया था।