मुंबई: भारतीय जनता पार्टी (BJP) के विधायक राम कदम (Ram Kadam) ने आज (गुरुवार) महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी (Bhagat Singh Koshyari) से मुलाकात की और रिपब्लिक टीवी के एडिटर-इन चीफ अर्नब गोस्वामी (Arnab Goswami) से मारपीट करने वाले 9 पुलिस वालों को तुरंत सस्पेंड करके, जांच की मांग की.
बीजेपी विधायक राम कदम ने ट्वीट कर राज्यपाल से मुलाकात की जानकारी दी और कहा, 'पत्रकार अर्नब गोस्वामी को मारपीट करने वाले 9 पुलिस वालों को तुरंत सस्पेंड करके उसकी जांच की जाए. इस मांग के लिए आज सुबह महामहिम राज्यपाल से भेंट की. पुलिस प्रति पूरा आदर-सम्मान है, लेकिन मारपीट मंजूर नहीं.'
14 दिनों के न्यायिक हिरासत में अर्नब गोस्वामी
अर्नब गोस्वामी को बुधवार को मुंबई पुलिस ने इंटीरियर डिजाइनर अन्वय नाइक को आत्महत्या के लिए उकसाने के दो साल पुराने केस में गिरफ्तार किया था. देर शाम अर्नब गोस्वामी की रायगढ़ जिले में अलीबाग की एक अदालत पेश किया गया, जिसके बाद कोर्ट ने उन्हें 14 दनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया. हालांकि, अर्नब के वकील ने जमानत याचिका दायर की है, जिस पर आज सुनवाई हो सकती है.
किन धाराओं में हुई है अर्नब की गिरफ्तारी
अर्नब गोस्वामी की गिरफ्तारी इंटीरियर डिजाइनर और उनकी मां की आत्महत्या से जुड़े मामले में हुई है. पुलिस ने बताया कि अलीबाग पुलिस ने धारा 306 और 34 के तहत अर्नब को लोअर परेल स्थित उनके घर से गिरफ्तार किया गया. अर्नब गोस्वामी के वकील का दावा था कि पुलिस ने अर्नब के साथ मारपीट की है. सुसाइड केस में अर्बन गोस्वामी के अलावा फिरोज मोहम्मद शेख और नितेश सारदा भी आरोपी हैं, जिन्हें पुलिस ने गिरफ्तार किया है.
5.4 करोड़ बकाया नहीं देने का है आरोप
अर्नब गोस्वामी, फिरोज शेख और नितेश सारदा द्वारा कथित रूप से बकाया राशि न देने पर 53 वर्षीय एक इंटीरियर डिजाइनर और उसकी मां के आत्महत्या करने के मामले की सीआईडी द्वारा पुनः जांच करने के आदेश दिए गए थे. कथित तौर पर अन्वय नाइक द्वारा लिखे गए सुसाइड नोट में कहा गया था कि आरोपियों ने उनके 5.40 करोड़ रुपये का भुगतान नहीं किया था, इसलिए उन्हें आत्महत्या का कदम उठाना पड़ा. हालांकि रिपब्लिक टीवी ने आरोपों को खारिज कर दिया था.