अमेरिका में कोरोना वायरस पीड़ितों की संख्या बढ़ने के बाद अस्पतालों पर साइबर हमले बढ़ गए हैं। एफबीआई, स्वास्थ्य और मानव सेवा विभाग, साइबर सिक्यूरिटी एजेंसी ने बताया कि हैकरों ने हेल्थ सेक्टर को निशाना बनाया है। ये हमले पैसा ऐंठने के मकसद से किए गए हैं। अस्पतालों और स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े संगठनों को अलर्ट जारी हुआ है। साइबर सिक्यूरिटी कंपनी फायर आई के अनुसार कई अमेरिकी अस्पतालों पर इस सप्ताह रेंजमवेयर हमले हुए हैं। रेंजमवेयर से कंप्यूटर ब्लॉक कर देते हैं। फिर, सिस्टम चालू करने के वास्ते पैसे लिए जाते हैं। तीन अस्पतालों ने सार्वजनिक तौर पर ऐसे हमलों की पुष्टि की है। वे बुरी तरह प्रभावित हुए हैं।
फायर आई के प्रमुख टेक्नोलॉजी अधिकारी चार्ल्स कारमकाल ने बताया,यूएनसी1878 साइबर क्राइम ग्रुप ने हमले किए हैं। पिछले कुछ सप्ताहों में कई अस्पताल निशाने पर आ चुके हैं। कई अस्पतालों के कंप्यूटर नेटवर्क ठप पड़ गए हैं। ग्रुप का इरादा सैकड़ों अन्य अस्पतालों पर हमला करने का है। यूएनसी1878 पूर्व यूरोप से काम करता है। वह मरीजों को दूसरे अस्पतालों में भेजने के लिए ऐसे हमले कर रहा है। साइबर जांच कंपनी होल्ड सिक्यूरिटी के एलेक्स होल्डर का कहना है, अमेरिका में 400 से अधिक अस्पतालों पर हमले हो चुके हैं। हमलावरों ने ट्रिकबॉट मेल्वेयर का उपयोग किया है। ट्रिकबॉट ग्रुप ने 30 अस्पतालों से फिरौती की रकम वसूलने का दावा किया है।
सेंट लारेंस हेल्थ सिस्टम न्यूयॉर्क, सोनोमा वैली हॉस्पिटल कैलिफोर्निया और स्काई लेक्स मेडिकल सेंटर ओरेगॉन ने साइबर हमले से प्रभावित होने की जानकारी दी है। अस्पतालों, रिटायर्ड लोगों के सेंटर और कुछ अन्य स्वास्थ्य केंद्रों पर हमलों के लिए ईमेल भेजकर कंप्यूटर सिस्टम ठप करने का जाना-पहचाना तरीका आजमाया गया है।