अहमदाबाद। भारत के इतिहास में अपना नाम सुनहरे अक्षरों से दर्ज कराने वाले सरदार वल्लभभाई पटेल का योगदान कोई नहीं भूल सकता. भारत का 'शिल्पकार' माने जाने वाले सरदार वल्लभभाई पटेल ने आजादी के बाद टुकड़ों में बनी 565 रियासतों को जोड़ कर एक अखंड भारत बनाया था. इस महान काम में उनके साथी रहे थे वीपी मेनन.
सन् 1928 में ब्रिटिश सरकार ने गुजरात के बारदोली में किसानों पर 22 प्रतिशत लगान लगा दिया था. इस बात पर वल्लभभाई पटेल ने ब्रिटिशर्स के खिलाफ आंदोलन छेड़ा था. आंदोलन भी इतना तगड़ा कि आखिर में सरकार को ही झुकना पड़ा और लगान घटा कर 6.03 फीसद किया गया. आंदोलन की सफलता से खुश होकर बारदोली की महिलाओं ने वल्लभभाई पटेल को सरदार नाम से सम्मानित किया.
आज यानी 31 अक्टूबर को सरदार पटेल की 145वीं जयंती पर जानें कुछ उनके बारे में कुछ अनकहे और दिलचस्प किस्से...
सरदार वल्लभ भाई पटेल के जीवन से जुड़ा एक और किस्सा है, जो लोगों को शायद ही पता हो. यह कहानी तब की है जब वल्लभभाई पटेल प्राइमरी स्कूल में पढ़ते थे. नियम था कि बच्चों को किताबें और पेंसिल शिक्षकों से ही खरीदनी होंगी. पटेल जी को यह बात कतई पसंद नहीं आई. उन्होंने सहपाठियों को अपने साथ जोड़ा और आंदोलन पर उतर आए. यह आंदोलन 6 दिन तक चला और आखिरकार स्कूल प्रशासन को ही झुकना पड़ा और नियम को हटा दिया गया.
हैदराबाद का विलय करवाने के लिए सख्ती
भारतीय संघ में रियासतों को यूनाइट करने के लिए सरदार पटेल ने सख्ती से काम लिया था. हैदराबाद के नवाब इस चीज के लिए तैयार नहीं थे. इस वजह से वहां 2 गुट बंट गए और संघर्ष छिड़ गया. यह देखते हुए सरदार पटेल ने कहा कि हैदराबाद भारत के पेट में मौजूद कैंसर का रूप लेता जा रहा है. इसका जल्द इलाज करना ही होगा. पटेल का कहना था कि वहां सर्जिकल ऑपरेशन किया जाना चाहिए.
मीटिंग में शामिल एक सेनाध्यक्ष जनरल रॉबर्ट बूचर इस बात पर नाराज हो गया और उसने चेतावनी दी कि अगर उसकी मर्जी के खिलाफ हैदराबाद में सैन्य कार्रवाई की गई तो वह इस्तीफा दे देगा. इसपर जवाब देते हुए सरदार पटेल ने कहा कि बेशक आप आज ही इस्तीफा दे दीजिए लेकिन कल हर हाल में हैदराबाद में सर्जिकल ऑपरेशन शुरू किया जाएगा. सेना के आने के बाद आखिरकार हैदराबाद में विलय हो पाया. यह वल्लभभाई पटेल के सख्ती दिखाने की वजह से ही हो पाया था.
पीएम मोदी ने दी सरदार पटेल को पुष्पांजलि
आज राष्ट्रीय एकता दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात पहुंचकर स्टैच्यू ऑफ यूनिटी पर सरदार वल्लभभाई पटेल को पुष्पांजलि अर्पित की. इसके बाद अब वह राष्ट्रीय एकता दिवस परेड में सम्मिलित हैं. वहीं पीएम मोदी आज सिविल सर्विसेज प्रोबेशनर्स को संबोधित करेंगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने दो दिवसीय गुजरात दौरे के पहले दिन यानी शुक्रवार को नर्मदा जिले के केवडिया में स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के निकट पर्यटन से जुड़ी कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन किया और फिर उनका अवलोकन भी किया.