मुम्बई। कथित टीआरपी घोटाले में मुंबई पुलिस की तरफ से आरोपी बनाए जाने के बाद रिपब्लिक टीवी के एडिटोरियल स्टाफ से जुड़े 4 कर्मचारियों और कुछ अन्य लोगों पर शुक्रवार को मुंबई के एनएम जोशी नगर पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज हुई है। अन्य में एक ऐसी न्यूज कैप्सूल की मेकिंग से जुड़े स्टाफ शामिल हैं, जिसमें दावा किया गया था कि 'कमिश्नर परमबीर सिंह के निर्णयों से मुंबई पुलिस के जवानों में विद्रोह की स्थिति है।'
इन चार लोगों पर दर्ज हुई नामजद एफआईआर
जिन लोगों पर यह एफआईआर दर्ज हुई है उनमें डिप्टी न्यूज एडिटर सागरिका मित्रा, एंकर शिवानी गुप्ता, डिप्टी एडिटर स्वान सेन और एग्जीक्यूटिव एडिटर नारायण स्वामी शामिल हैं। यह एफआईआर विशेष शाखा के उप निरीक्षक शशिकांत पवार की शिकायत पर पुलिस (असंतोष उत्पन्न करना) अधिनियम,1922 की धारा 3 (1) और भारतीय दंड सहिंता की धारा 500 (मानहानि) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
रिपब्लिक पर यह है आरोप
एफआईआर में कहा गया है कि आरोपियों ने बृहस्पतिवार को शाम 7 बजे से 7 बजकर 10 मिनट के बीच वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों द्वारा मुंबई पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह के खिलाफ 'विद्रोह' को लेकर एक खबर चलाई थी। प्राथमिकी में कहा गया है कि यह पुलिस बल के सदस्यों के बीच असंतोष पैदा करने और पुलिस की मानहानि के समान है।
चैनल की प्रतिक्रिया
एफआईआर दर्ज होने के बाद रिपब्लिक टीवी ने बयान जारी कर कहा,' यह मीडिया के अधिकारों पर जोरदार हमला है।' चैनल ने ट्वीट किया, ''दुनिया के इतिहास में पहली बार ऐसा हो रहा है। मुंबई पुलिस आयुक्त संविधान और कानून से ऊपर नहीं हैं। यह मुंबई पुलिस द्वारा प्रेस की स्वतंत्रता पर खुला और जोरदार हमला है। रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क को अपनी स्थापना के बाद हुए प्रत्येक लेन-देन की जानकारी और सभी कर्मचारियों की सूची जमा कराने के लिए नोटिस भेजा गया है। हम दबाव डालने के हर हथकंडे का डटकर सामना करेंगे।'