अमेरिकी टेक्नोलॉजी फर्म क्वालकॉम के साथ मिलकर रिलायंस जियो ने अमेरिका में अपनी 5जी टेक्नोलॉजी का सफल परीक्षण किया है। अमेरिका के सैन डिएगो में हुए एक वर्चुअल इवेंट में यह घोषणा की गई। रिलायंस जियो के प्रेसिडेंट मैथ्यू ओमान ने क्वालकॉम इवेंट में कहा कि क्वालकॉम और रिलायंस की सब्सिडियरी कंपनी रेडिसिस के साथ मिलकर हम 5जी टेक्नोलॉजी पर काम कर रहे हैं ताकि भारत में इसे जल्द लॉन्च किया जा सके।
मिलेगी 1 Gbps तक की स्पीड
जियो और क्वालकॉम ने ऐलान किया कि उन्होंने रिलायंस जियो 5GNR सॉल्यूशंस और क्वालकॉम 5G RAN प्लेटफॉर्म पर 1 Gbps से ज्यादा स्पीड हासिल कर ली है। अभी दुनियाभर में अमेरिका, साउथ कोरिया, ऑस्ट्रेलिया, स्विट्जरलैंड और जर्मनी जैसे देशों के 5G ग्राहकों को 1Gbps इंटरनेट स्पीड की सुविधा मिल रही है। अब जल्द ही यह सुविधा भारत में भी मिलेगी।
क्वालकॉम ने जियो में किया 730 करोड़ रुपए का निवेश
इस साल जुलाई में क्वालकॉम वेंचर की इन्वेस्टमेंट इकाई क्वालकॉम इंक ने जियो प्लेटफॉर्म्स में निवेश का ऐलान किया था। क्वालकॉम ने जियो प्लेटफॉर्म्स में 0.15 फीसदी हिस्सेदारी के लिए 730 करोड़ रुपए निवेश किए थे।
जुलाई में ही की थी 5जी की घोषणा
लगभग 3 महीने पहले ही 15 जुलाई को रिलायंस की इंडस्ट्री की आमसभा में रिलायंस जियो के मालिक मुकेश अंबानी ने 5जी टेक्नोलॉजी के ईजाद की घोषणा की थी। घरेलू संसाधनों का इस्तेमाल कर विकसित की गई इस तकनीक को देश को सौंपते हुए मुकेश अंबानी ने कहा था कि 5जी स्पेक्ट्रम उपलब्ध होते ही रिलायंस जियो 5जी तकनीक की टेस्टिंग के लिए तैयार है, और 5जी तकनीक की सफल टेस्टिंग के बाद इस तकनीक के निर्यात पर रिलायंस जोर देगा।
भारत में अभी तक 5जी टेस्टिंग के लिए स्पेक्ट्रम उपलब्ध नहीं
भारत में अभी तक 5जी तकनीक की टेस्टिंग के लिए स्पेक्ट्रम उपलब्ध नहीं हो पाया है, लेकिन अमेरिका में रिलायंस जियो की 5जी टेक्नोलॉजी का सफल परीक्षण कर लिया गया। तकनीक ने सभी पैरामीटर पर अपने को बेहतरीन साबित किया है। क्वालकॉम वाइस प्रेसिडेंट, दुर्गा मल्लदी ने कहा कि हम जियो के साथ मिलकर कई तरह के सॉल्यूशन तैयार कर रहे हैं।
कई देशों ने चीनी कंपनी हुवावे पर लगाया प्रतिबंध
कोरोना वायरस के चलते बहुत से देशों ने चीनी कंपनी हुवावे प्रतिबंध लगा दिया है। हुवावे 5जी तकनीक विकसित करने वाली चीनी कंपनी है। 5जी टेक्नोलॉजी के सफल परीक्षण के बाद अब रिलायंस जियो दुनिया भर में चीनी कंपनी की जगह ले सकता है।